बेंगलुरु। भारतीय आध्यात्मिक गुरु, श्री श्री रविशंकर को ब्रुसेल्स में यूरोपियन पार्लियामेंट में उच्च स्तर के बुद्धिजीवियों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया,ताकि ध्रुवीकरण के कारण उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों,सामाजिक अशांति ,हिंसा,आर्थिक एवं राजनैतिक अनिश्चितता और जलवायु परिवर्तन का समाधान निकालने पर विचार विमर्श किया जा सके। इस सेमिनार में २०० से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया,जिनमें मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ,हितधारक,शिक्षाविद् ,नीति निर्माता एवम् यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्य शामिल थे।गुरुदेव ने इस तथ्य की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया कि विश्वभर में मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के पारंपरिक तरीकों के साथ – साथ आयुर्वेद,ध्यान एवम् श्वसन तकनीकों को भी जोड़ना चाहिए।
गुरुदेव ने मानसिक स्वास्थ्य पर हो रहे विचार विमर्श को थोड़ा और गहराई में ले जाते हुए, उन प्रभावशाली श्वसन तकनीकों के बारे में बताया,जो मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में अभूतपूर्व लाभ पहुंचाती हैं।जब मन शांत और स्पष्ट होता है,तब लोग जीवन की अंतर संयोजनात्मकता के प्रति गहरी समझ रखते हुए बेहतर निर्णय ले पाते हैं। इसके लिए भीतर की शांति का अनुभव करना होगा,जो हमारी श्वास में ही मौजूद है।हमारी श्वास में भावनाओं और विचारों को विनियमित करने ,चिंता को कम करने और तनाव को दूर करने की शक्ति है।
Mental Health is one of the greatest challenges the world is facing today. Gave the keynote address about Mental Health at the European Parliament.@IndEmbassyBru @r_czarnecki @wfeb_global @Europarl pic.twitter.com/uN74aJBygn
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) May 22, 2023
महामहिम , संतोष झा, बेल्जियम, ई यू और लक्जेमबर्ग में भारत के राजदूत,ने कहा,” कोविड महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं वैश्विक स्तर पर और भी अधिक सामने आयीं।भारत एक ऐसा देश है,जहां प्राचीन समय से ही इसको लेकर सजगता एवम् समाधान दोनों हैं और हम उन्हें सारे विश्व के समक्ष लेकर आना चाहते हैं। संतोष झा ने जीवन की तेज़ गति के बारे में बात करते हुए बताया कि बहुत तेज़ ट्रैफिक के लिए ट्रैफिक के नियमों की आवश्यकता होती है और गुरुदेव ने हमें उन ट्रैफिक नियमों पर ध्यान देने के लिए कहा,जो हमें तेज़ी से परिवर्तित होते आसपास के वातावरण में जीने के लिए मदद करते हैं।” श्री संतोष झा ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार द्वारा बनाए गए विभिन्न नीति पैमानों और अभियानों के साथ साथ,२०१७ में मेंटल हेल्थ केयर एक्ट पारित करने के बारे में भी बताया।
इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों के अतिरिक्त माननीय रिस्जार्ड जार्नेकी,यूरोपियन पार्लियामेंट मेंबर, महामहिम संतोष झा, बेल्जियम, ईयू और लग्ज़मबर्ग में भारत के राजदूत एलोज पेत्रेले, स्लोवेनिया के भूतपूर्व प्रधानमंत्री, बोर्ड मेंबर, डब्ल्यूएफईबी, पाब्लो सियानो,चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर डीएचएल ईकॉमर्स, प्रोफेसर आनंद नरसिम्हन, शेल प्रोफेसर ऑफ ग्लोबल लीडरशिप एंड डीन ऑफ रिसर्च ,आई एम डी बिजनेस स्कूल, प्रोफेसर डॉ उल्लरिच हेगरल, प्रेसिडेंट यूरोपियन एलायंस अगेंस्ट डिप्रेशन,प्रेसिडेंट जर्मन डिप्रेशन फाउंडेशन, डॉ मेड पेट्रा ब्राच संस्थापक द लेइब्सचर एंड ब्राच पेन थेरेपी, रोलैंड लेइब्सचर ब्राच संस्थापक द लेइब्सचर एंड ब्राच पेन थेरेपी शामिल थे। गुरुदेव ने सबको मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को शर्मनाक ना ठहराने और सामाजिक सहयोग की आवश्यकता की दिशा में कार्य करने पर भी जोर दिया,ताकि कोई भी अवसादग्रस्त या खराब मानसिक स्वास्थ्य से गुजर रहा व्यक्ति वंचित ना रह जाए।
यह सत्र का संदर्भ इस तथ्य पर आधारित था कि विश्व अवसाद,आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में अनपेक्षित रूप से हो रही वृद्धि का सामना कर रहा है।डब्ल्यू एच ओ की जून २०२२ में प्रकाशित विश्व मानसिक स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार,महामारी के पहले वर्ष में अवसाद में २५% वृद्धि हुई है।मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित लोगों की संख्या १०० करोड़ हो गई है। विश्वभर में मानसिक स्वास्थ्य संकट को कम करने के लिए उपलब्ध साधन अपर्याप्त हैं।२०२० में, विशभर की सरकारों ने मानसिक स्वास्थ्य बजट पर केवल औसतन २ % खर्च किया,जिसमें निम्न मध्यम आय वाले देशों पर केवल १% से भी कम खर्च किया गया। घटती हुई आर्थिक उत्पादकता एवम् खराब शारीरिक स्वास्थ्य के कारण,विश्व अर्थव्यवस्था में खराब मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिवर्ष यूएसडी २.५ ट्रिलियन खर्च किया जाता है,जो कि वर्ष २०३० में बढ़कर $ १६ ट्रिलियन हो जाने की आकांक्षा है।
इस कार्यक्रम में बुद्धिजीवी वर्ग ने यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्यों,मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और नागरिक समाज को निम्नलिखित मुद्दों पर बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया –
- मानसिक स्वास्थ्य को संभालने एवम् सुधार करने के लिए परिवर्तनात्मक समाधान और जिसका वैश्विक स्तर पर प्रभाव पड़े।
- मानसिक स्वास्थ्य एवं शांति स्थापना में संबंध ।
- नवीनतम शोध
- मानसिक स्वास्थ्य प्रयासों द्वारा लाभ प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक रूप से कार्य करना – प्रदर्शन को बेहतरीन बनाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य पहल के सबसे अच्छे अभ्यास कराना।
गुरुदेव ने शांति के प्रसार एवम् प्रत्येक चेहरे पर मुस्कान लाने के अपने मिशन के साथ यू एस से यूरोप की यात्रा करते हुए बताया कि ” पिछले कुछ महीनों में यू एस में ६०० से अधिक गोलीबारी की घटनाओं को देखना कितना भयंकर है और यह घटनाएं सामान्य नहीं हैं और गोलीबारी की कई घटनाओं का कारण खराब मानसिक स्वास्थ्य पाया गया।
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी पिछले ४३ वर्षों से मानसिक स्वास्थ्य के वैश्विक अधिवक्ता रहे हैं। तनाव मुक्ति एवम् बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए गुरुदेव द्वारा दी गई तकनीकों का १८० देशों के ५० करोड़ से भी अधिक लोग अभ्यास करते हैं। गुरुदेव ने स्थानीय,क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवम् अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सैकड़ों प्रोजेक्टों की शुरुआत की। उन्होंने वैश्विक संस्थानों एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ, अत्यधिक कमजोर, संघर्ष वाले क्षेत्रों में जोखिम में पड़े लोगों की भावनात्मक एवम् मानसिक शांति के लिए काम किया।उनके कार्य सदैव इस धारणा से प्रेरित रहे हैं कि आंतरिक शांति,व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण बाह्य शांति एवम् सामाजिक समृद्धि का आधार है।