नई दिल्ली। बिहार के सीएम नीतीश कुमार दो दिन से दिल्ली में हैं। वो राहुल गांधी से मिले, तेजस्वी और लालू यादव से मुलाकात की। फिर राहुल और तेजस्वी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लंबी बैठक की। बैठक के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा था कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की तैयारी हो रही है। खबर ये भी आई थी कि नीतीश कुमार को यूपीए का संयोजक बनाया जा सकता है। इन सबके बीच आज ताजा खबर ये है कि नीतीश सरकार वाले बिहार महागठबंधन में हिस्सेदार हम पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी दिल्ली आ धमके हैं। न…न…जीतन राम दिल्ली में नीतीश या विपक्षी नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे। उनका इरादा केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह से मिलने का है।
बिहार विधानसभा में जीतन राम मांझी के 4 विधायक हैं। बताया जा रहा है कि माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न दिए जाने की मांग अमित शाह से जीतन राम मांझी करेंगे, लेकिन अचानक दिल्ली आकर अमित शाह से उनकी मुलाकात को दूसरी नजर से भी देखा जा रहा है। खासकर इस वजह से क्योंकि लोकसभा के चुनाव होने हैं और इसमें जीतन राम को अगर बीजेपी अपने साथ ले आती है, तो इससे महागठबंधन को झटका दिया जा सकेगा।
बिहार में दलित समुदाय के करीब 15 फीसदी वोटर हैं। ऐसे में अगर जीतन राम मांझी एक बार फिर एनडीए के खेमे में आते हैं, तो तमाम सीटों पर जेडीयू और आरजेडी का खेल बिगड़ भी सकता है। जीतन राम मांझी क्या सिर्फ दशरथ मांझी को भारत रत्न दिलाने की मांग अमित शाह से करेंगे या बिहार की सियासत में कोई नया बवंडर लाएंगे, ये बाद में पता चलेगा। फिर भी जीतन और शाह के बीच की मुलाकात की फिलहाल चौतरफा चर्चा है।