नई दिल्ली। उत्तरकाशी के पुरोला में नाबालिग के कथित अपहरण मामले के बाद से ही विवाद गर्माया हुआ है। यहां नाबालिग के अपहरण की कथित कोशिश मामले के बाद से ही हिन्दू और मुस्लिम धर्म के लोगों के बीच सांप्रदायिक उन्माद भड़का हुआ है। इस मामले के सामने आने के बाद इलाके में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिलने लगा था। यहां तक की मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों पर पोस्टर चस्पा कर उन्हें 15 जून तक दुकानें खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था। पोस्टर में ये भी कहा गया था कि अगर 15 जून तक दुकानें खाली नहीं हुई तो उन्हें इसका परिणाम झेलने के लिए तैयार रहना होगा।
इस विवाद के बाद 15 जून को उत्तराखंड के पुरोला में 15 जून हिंदू संगठनों की महापंचायत होने वाली थी जो अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित कर दी गई। गुरुवार को होने वाली इसी महापंचायत को रोकने के लिए एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका को वकील शारुख आलम ने बुधवार दोपहर बाद हाईकोर्ट में मेंशन किया था। सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई से इनकार के बाद इस याचिका को हाईकोर्ट में दायर किया गया था। अब आज इसपर सुनवाई होनी है।
आपको बता दें कि 15 जून को ही उत्तरकाशी के पुरोला में हिंदू संगठनों की महापंचायत होनी थी। भले ही हिंदू महापंचायत पर प्रशासन ने रोक लगा दी गई है लेकिन गर्माए माहौल को देखते हुए इलाके में धारा 144 भी लागू है। जिले की सीमाओं को भी सील किया गया है। यहां तक की यमुना घाटी को भी आज बंद रखा गया है।
पुरोला में 300 के करीब जवानों को तैनात किया गया है साथ ही गश्त को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा 15 जून को ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है। पुलिस ने पुरोला में फ्लैग मार्च कर भी लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।