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UP Budget 2024: योगी सरकार ने विधानसभा में पेश किया 7.36 लाख करोड़ का बजट, महिलाओं, किसानों और रोजगार पर फोकस, लखनऊ में एयरो सिटी बनाने का एलान

UP Budget 2024: वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए इसे रामराज्य की ओर यूपी को ले जाने वाला बताया। बजट में महिलाओं, किसानों और रोजगार के अलावा लखनऊ में 1500 करोड़ की लागत से एयरो सिटी बनाने का भी एलान वित्त मंत्री ने किया है।

लखनऊ। यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट विधानसभा में पेश किया है। ये बजट अब तक का सबसे बड़ा 7.36 लाख करोड़ का है। इस बजट में प्रदेश के विकास के लिए सरकार ने एलान किए हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए इसे रामराज्य की ओर यूपी को ले जाने वाला बताया। बजट में महिलाओं, किसानों और रोजगार के अलावा लखनऊ में 1500 करोड़ की लागत से एयरो सिटी बनाने का भी एलान वित्त मंत्री ने किया है। किसानों के बारे में बजट भाषण में सुरेश खन्ना ने कहा कि डार्क जोन में नए निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है जिससे लगभग एक लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एकल रबी फसल की सिंचाई हेतु सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा प्रदान की गई है। वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक लगभग 37 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कराया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 2022-2023 के लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को माह अक्टूबर, 2023 तक 831 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया  गया।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत दिसम्बर, 2023 तक लगभग 63,000 करोड़ रूपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से 2 करोड़ 62 लाख कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की गयी। प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पुरूष एवं महिला दोनों के लिए 3000 रुपए की सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से 29 जनवरी, 2024 तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को 2 लाख 33 हजार 793 करोड़ रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया.यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 2 लाख 1 हजार 519 करोड़ रूपये से भी 20,274 करोड़ रूपये अधिक है। पेराई सत्र 2023-2024 के लिये गन्ने की अगैती प्रजाति का मूल्य 350 रुपए से बढ़ाकर 370, सामान्य प्रजाति का 340 से बढ़ाकर 360 रुपए तथा अनुपयुक्त प्रजाति का मूल्य 335 रूपये से बढ़ाकर 355 रूपये प्रति कुन्तल हो गया है।

महिला और बाल विकास के बारे में बजट भाषण में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह कर दी गयी है। योजना में 2023-2024 में तृतीय तिमाही तक 31 लाख 28 हजार निराश्रित महिलाओं को लाभान्वित किया गया। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत पात्र बालिकाओं को 6 विभिन्न श्रेणियों में कुल 15000 रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक 17.82 लाख लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जा चुका है। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 200 उत्पादक समूहों का गठन करके तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाना लक्षित है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अन्तर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को कोष के अन्तर्गत 1 लाख रूपये से 10 लाख रूपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था है। प्रदेश की ग्राम पंचायतों में 53,800 युवक मंगल दल एवं 51,300 महिला मंगल दलों का गठन किया जा चुका है.इन दलों के माध्यम से युवाओं की सहभागिता राष्ट्रीय एवं सामाजिक महत्व के कार्यों में सुनिश्चित कराई गई है।

यूपी में रोजगार के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत अब तक 22 लाख 389 लाभार्थियों को लाभान्वित करते हुये 1,79,112 रोजगार सृजित हुए। एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजना के अन्तर्गत 13,597 लाभार्थियों के माध्यम से 1,92,193 रोजगार मिले। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद कौशल उन्नयन एवं टूलकिट योजना के अन्तर्गत लगभग 4.08 लाख रोजगार मिले। एकेटीयू से संबद्ध लगभग 700 से अधिक संस्थानों के छात्रों के लिए लगभग 25 हजार रोजगार के अवसर पिछले शैक्षिक सत्र में उपलब्ध कराये गए। वित्त मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिनमें से 4.13 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया। महात्मा गाँधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024  में 28 करोड़ 68 लाख मानव दिवस सृजित कराते हुए 75 लाख 24 हजार श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 33 करोड़ मानव दिवस का सृजन किये जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक 408 लाभार्थियों को 1854.88 लाख पॅूंजीगत निवेश ऋण के साथ 7418 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।

प्रदेश के लगभग 55 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से प्रदान की जा रही है। वित्त मंत्री ने बताया कि सभी वर्गों की पुत्रियों की शादी हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत एक जोडे़ के विवाह पर 51,000 रुपए अनुदान की व्यवस्था है.वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 1,00,874 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराते हुए 510 करोड़ का व्यय किया गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्मित ‘‘ई-श्रम’’ पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के लगभग 8.32 करोड़ कामगारों का पंजीकरण हुआ है जो देश में सर्वाधिक है। दिनांक 26 अगस्त, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 तक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 80.11 लाख श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता के अन्तर्गत 2 हजार रूपये की दर से लगभग 1600 करोड़ का भुगतान किया गया। निर्माण कामगार मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजना को एकीकृत करते हुए नई योजना ‘‘निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना’’ कर दिया गया है। समस्त योजनाओं में माह नवम्बर, 2023 तक 40,183 कामगारों को लाभान्वित किया गया तथा 433 करोड़ की धनराशि व्यय की गई।

वित्त मंत्री ने वित्तीय समावेशन पर कहा कि प्रदेश की जनता को वर्तमान में बैंकों की 19,705 शाखाओं, 2,28,544 बैंक मित्र एवं बीसी सखी तथा 17,852 ए0टी0एम0 के माध्यम से बैकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 9 करोड़ खातों के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 5 करोड़ 54 लाख नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री वन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1.90 करोड़ के नामांकन साथ उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर है। अटल पेंशन योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख नामांकन का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।

विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपने माल के परिवहन में सुविधा उपलब्ध होगी जिससे प्रदेश से निर्यात बढ़ेगा। महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण से प्रदेश में चार अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हैं तथा शीघ्र ही नोएडा के जेवर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रारम्भ होने वाला है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पाँच अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग एवं विभिन्न राज्यों में लाॅजिस्टिक्स की सुलभता (लीड्स-2023) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने ‘‘अचीवर्स’’ की श्रेणी प्राप्त की है.

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार के प्रयासों से मातृ मुत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से कम होकर वर्ष 2022 में 167 प्रति लाख तथा शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से कम होकर वर्ष, 2020 में 38 प्रति हजार हो गई है। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2023 में ए0ई0एस0 (एक्यूट इन्सिफेलाइटिस सिन्ड्रोम) रोगियों की संख्या में 76 प्रतिशत तथा मृत्यु दर में 98 प्रतिशत की कमी एवं जे0ई0 (जापानी इन्सिफेलाइटिस) के रोगियों की संख्या में 85 प्रतिशत तथा मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एम0बी0बी0एस0 की सीटों की संख्या 1840 से बढ़कर कर 3828 हो गयी है तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर 5250 हो गई है। इस प्रकार कुल 9078 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं। सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पी0जी0 सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1543 तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर 1775 हो गयी है.इस प्रकार पी0जी0 की कुल 3318 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 4 करोड़ 86 लाख से अधिक  आयुष्मान कार्ड वितरित किये गए है। लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 से 2017 तक की 10 वर्ष की अवधि में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 60,970 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के रूप में 638 करोड़ 26 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में वर्ष 2017 से अद्यावधिक अर्थात 07 वर्ष से भी कम अवधि में 1,61,962 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता हेतु 2,765 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।