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पाकिस्तान में दिवाली से पहले हुआ हिंदू मंदिर पर हमला, दानपेटी से लूटे 25 हजार, मूर्तियों को भी किया खंडित

Pakistan: ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इससे पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं मंदिरों पर हमले का मामला समने आया था। हालांकि पुलिस ने अपनी औपचारिकता निभाते हुए शिकायत दर्ज कर ली थी, लेकिन नतीजा क्या हुआ यह आज सबके सामने है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों पर हमले का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला कोटडी कस्बे का है, जहां प्रचीन शिव मंदिर में कुछ कट्टरपंथी लोगों ने घुसकर तोड़फोड़ की। मूर्तियों को खंडित कर दिया व मंदिर में मौजूद आभूषणों को लूट लिया। मंदिर से चांदी के तीन हार व दान पेटी में रखे 25 हजार रूपए लूट लिए गए। मंदिर में हुई इस तोड़फोड़ से पाकिस्तान के हिंदू समुदाय खौफ में हैं। पिछले कुछ माह से हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को जिस तरह निशाना बनाया जा रहा है, उस पर पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं है। हालांकि, इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मंदिर प्रमुख भगवान दास की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 457, 380, 295 और 297  मामला दर्ज कर लिया है। अब ऐसे में देखना होगा कि पुलिस ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई करती है,मगर इससे पहले हिंदू मंदिरों पर हमले को लेकर जिस तरह की पुलिस की कार्यशैली रही है, उसे देखकर ऐसा लगता नहीं है कि पुलिस ऐसी कुछ कार्रवाई करेगी, ताकि ऐसे शरारती तत्वों को कुछ कड़ा सबक मिल सकें।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इससे पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू मंदिरों पर हमले का मामला समने आया था। हालांकि, पुलिस ने अपनी औपचारिकता निभाते हुए शिकायत दर्ज कर ली थी, लेकिन नतीजा क्या हुआ यह आज सबके सामने है। कोटडी में मंदिर पर हुए हमले का  मामला इस बात की तस्दीक करता है कि पाकिस्तान की पुलिस ने कुछ खास कार्रवाई सिंध प्राप्त में मंदिरों को निशाना बनाने वाले आरोपियों के खिलाफ नहीं किया था। नतीजा साफ है कि अगर किया होता है, तो कोटडी की आज ऐसी विध्वंसक तस्वीर न होती। यह कहने में किसी को कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि पाकिस्तानी सरकार हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर संजीदा नहीं है। इससे पहले भी कई मौकों पर पाकिस्तान में हिंदुओ समेत सिखों पर हमले के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन पाकिस्तानी सरकार मौन साधने के अलावा कोई काम नहीं करती है।

खैर, पाकिस्तान के कोटडी में मंदिर हमले पर एसएसपी जावेद बलोच ने कहा कि इसे चोरी का मामला बताते हुए मंदिर को अपवित्र करने की बात से इनकार किया है। वहीं,  इन मामलों को संज्ञान में लेने के बाद पाकिस्तान अल्पसंख्यक मंत्री ज्ञानचंद इसरानी ने कहा कि दीवाली से पहले हिंदुओं के आस्था के केंद्र को निशाना बनाना निदंनीय है। लिहाजा हम ऐसी कोशिश कर रहे हैं,  जिससे उन्हें किसी भी प्रकार  की खौफजदा स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है। लेकिन बेहद ही अफसोस  के साथ कहना पड़ रहा है कि ये तमाम बातें महज शब्दों तक ही सीमित रह जाते हैं। इनका धरातल से कोई जुड़ाव नहीं हो पता है। नतीजा यह होता है कि इस तरह के मामलों का एक सिलसिला शुरू हो जाता है, जो कि थमने का नाम ही नहीं लेता है। इससे पहले भी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ माहौल तैयार करने के लिए जिन मंदिरों को निशाना बनाया गया, उसे हम सभी देखा है। लिहाजा ऐसी कोई भी स्थिति न  बनें । ऐसी कोशिश हमें करनी होगी। खैर, पाकिस्तान में आगे चलकर यह पूरा मामला क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।