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Rahul Gandhi: इतिहास गवाह है, पानी का बुलबुला साबित हुए हैं राहुल गांधी के सारे जुमले

Rahul Gandhi: इसी तरह राहुल गांधी के सूट बूट की सरकार वाले नारे को जनता ने साल 2009 में ही खारिज कर दिया था। जिस जीएसटी को राहुल गांधी ने गब्बर सिंह टैक्स कहा, आज वही जीएसटी नए रिकॉर्ड बना रहा है। जब जनधन खाते खोले गए तो राहुल ने उनको बिना पैसे वाला खाता करार दिया। आज नरेंद्र मोदी उन्हीं 41 करोड़ जनधन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करते हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को ट्विटर पर डायलॉग लिखने की आदत है। ये बात अलग है कि इस काम के लिए उन्होंने जेएनयू के वामपंथी नेताओं की पूरी टीम बिठा रखी है। राहुल गांधी जब किसी एक मुद्दे पर फंस जाते हैं तो दूसरे को पकड़ लेते हैं। दूसरे में फंस जाने पर तीसरे को पकड़ लेते हैं। कार्पोरेट लोन को राइट ऑफ करने का डिसीजन राहुल गांधी की इसी आदत का ज्वलंत उदाहरण था। मोदी सरकार ने बैंकों को एनपीए से फ्री करने के लिए पुराने अटके हुए कॉरपोरेट लोन को राइट ऑफ करने का डिसीजन लिया। फिर क्या था, राहुल गांधी ने इसे उद्योगपतियों का लोन माफ़ करने वाला फैसला बता दिया। 31 दिसंबर 2020 को राहुल ने लिखा कि सरकार ने उद्योगपतियों के 2 लाख 37 हजार 876 करोड़ रुपए के कर्ज़ को माफ़ कर दिया। अब इसकी सच्चाई भी जान लीजिए। राइट ऑफ करने का मतलब कर्ज माफ करना बिल्कुल नहीं होता है। बैंकों को कर्ज वसूलने का अधिकार रहता है। बस उस लोन खाते को रेग्युलर बैंकिंग से अलग कर दिया जाता है। राहुल ये बताना भूल जाते हैं कि साल 2009 से 2014 के बीच यूपीए सरकार ने 1.40 लाख करोड़ का लोन राइट ऑफ किया था।

Rahul Gandhi

इसी तरह राहुल गांधी के सूट बूट की सरकार वाले नारे को जनता ने साल 2009 में ही खारिज कर दिया था। जिस जीएसटी को राहुल गांधी ने गब्बर सिंह टैक्स कहा, आज वही जीएसटी नए रिकॉर्ड बना रहा है। जब जनधन खाते खोले गए तो राहुल ने उनको बिना पैसे वाला खाता करार दिया। आज नरेंद्र मोदी उन्हीं 41 करोड़ जनधन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर करते हैं। राहुल गांधी के चरित्र का खोखलापन ऐसी ही सच्चाइयों से सामने आता है।

राहुल गांधी के इन सस्ते नारों की एक लंबी फेहरिस्त है। राहुल ने कार्पोरेट टैक्स कटौती को क्रोनी कैपिटलिज्म करार दिया था। आयुष्मान भारत स्कीम को 15-20 उद्योगपतियों के फ़ायदे की स्कीम करार दिया। ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस पर वर्ल्ड बैंक ने देश की रेटिंग सुधारी तो राहुल गांधी ने उसे विदेशी कंपनी बता दिया। जब पीएम गरीब कल्याण योजना के लिए मोदी ने एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इ्ंवेस्टमेंट बैंक से लोन लिया तो राहुल ने इसे चीनी बैंक बता दिया जबकि इस बैंक में भारत समेत 113 देशों की पूंजी लगी है और भारत दूसरा सबसे बड़ा हिस्सेदार है। लद्दाख में चीन की घुसपैठ के वक्त राहुल नरेंद्र मोदी को डरपोक बताकर हिंदुस्तान को कमजोर कर रहे थे।

राहुल गांधी का पूरा का पूरा इतिहास अनाप शनाप बयानों और भ्रम फैलाने वाले ब्योरों का लेखाजोखा है। वे इतनी बार एक्सपोज़ हो चुके हैं कि एक्सपोज़ शब्द ने ही उनके पैरों पर अपना सिर रख दिया है।