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ICMR की रिसर्च में दावा- अधिकतर वैरियंट पर असरदार है कोवैक्सीन, डबल म्यूटेंट के खतरे को भी देगी मात

ICMR : बता दें कि भारत में कोरोना के हालात को देखते हुए मोदी सरकार ने अब इस स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अहम क़दम उठाया है।

नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते कोहराम मचा हुआ है। पिछले कुछ दिनों से लगातार दो लाख से अधिक कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं बुधवार की सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2.95 लाख नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर एक अच्छी जानकारी सामने आई है। बता दें कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अपनी रिसर्च में कहा है कि कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन ज्यादातर वैरियंट पर असरदार है। ICMR की रिसर्च में दावा किया गया है कि, कोवैक्सीन कोरोना के कई अलग-अलग वैरिएंट से लड़ सकती है। आईसीएमआर ने अपने दावे में बताया है कि ये वैक्सीन कोरोना के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन से भी लड़ने में प्रभावी है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन (COVAXIN) नामक वैक्सीन अबतक स्वदेश में तैयार हुई एकमात्र वैक्सीन है।

Covaxin

एक ट्वीट के जरिए ICMR ने जानकारी दी कि, ये वैक्सीन कोरोना के यूके, ब्राजील और अफ्रीकन वेरिएंट को मात देने में कारगर है। इतना ही नहीं ये डबल म्यूटेंट के खतरे को भी दूर करती है। बता दें कि भारत में कोरोना के हालात को देखते हुए मोदी सरकार ने अब इस स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अहम क़दम उठाया है। आत्मनिर्भर भारत मिशन 3.0 के तहत चलाए जा रहे मिशन कोविड सुरक्षा के ज़रिए स्वदेश में बने वैक्सीन के विकास और उत्पादन में तेज़ी लाने के लिए सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

इसी के तहत भारत बायोटेक कम्पनी को केंद्र सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने 65 करोड़ रुपये की सहायता राशि के तौर पर देने का फ़ैसला किया है। इस राशि से बेंगलुरू में बने भारत बायोटेक के नए सेंटर में वैक्सीन उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने का काम होगा।