नई दिल्ली। नीट यूजी 2024 परीक्षा पेपर लीक और रिजल्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए परीक्षा का आयोजन कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। सर्वोच्च अदालत ने एनटीए और केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कहा कि कि अगर 0.01 प्रतिशत भी लापरवाही पाई गई तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे। स्टूडेंट्स की मेहनत को इग्नोर नहीं कर सकते। अदालत ने एनटीए को फटकार लगाते हुए कहा कि आप देश के स्वास्थ्य सिस्टम से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसी के साथ सर्वोच्च अदालत ने एनटीए और केंद्र को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है। केस की अगली सुनवाई अब 8 जुलाई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट में अमूल्य विजय पिनापति और नितिन विजय की ओर से दायर याचिका पर आज सुनवाई की गई है। याचिकाकर्ता ने नीट के पेपर लीक होने की जांच और परीक्षा को रद्द कर दोबारा एग्जाम कराने की मांग की है। आपको बता दें कि नीट परीक्षा और एग्जाम को लेकर देशभर में स्टूडेंट्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले तो परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ और फिर रिजल्ट में भी धांधली करते हुए एक साथ 67 टॉपर घोषित किए गए, जिसमें 6 ऐसे हैं जिन्होंने एक ही सेंटर पर परीक्षा दी थी। इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स ने ग्रेस मार्क्स देने में भी अनियमितता का आरोप लगाया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनटीए ने जिन 1563 छात्रों को परीक्षा में देरी के चलते ग्रेस मार्क्स दिए थे वो रद्द कर दिए हैं और इन सभी स्टूडेंट्स की 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी तथा 30 जून तक रीएग्जाम का रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा। जो छात्र दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते वो बिना ग्रेस मार्क्स के अपने ओरिजनल अंकों के साथ काउंसिलिंग में शामिल हो सकते हैं।