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फेसबुक पर सियासी बवाल के बीच IFF के सदस्यों ने लिखी चिट्ठी, संसद की स्थायी समिति से की ये मांग

फेसबुक (Facebook) को कंट्रोल किए जाने के अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल (डब्लूएसजे) के आर्टिकल पर मचा बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (IFF) ने संसद की स्थायी समिति को चिट्ठी लिखी है।

नई दिल्ली। फेसबुक (Facebook) को कंट्रोल किए जाने के अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल (डब्लूएसजे) के आर्टिकल पर मचा बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (IFF) ने संसद की स्थायी समिति को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में आईएफएफ ने संसद की स्थायी समिति से मामले की जांच कराने की अपील की गई है। डब्लूएसजे ने ‘फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कॉल्स विद इंडियन पॉलिटिक्स’ शीर्षक से आर्टिकल पब्लिश किया है। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) फेसबुक और वाट्सऐप को नियंत्रित करते हैं। वे इसके जरिये नफरत फैलाते हैं।

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डब्लूएसजे की रिपोर्ट के अनुसार, दो मुख्य आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में ढील बरतता है। दूसरा आरोप है कि चुनाव अखंडता के नियमों का अनुप्रयोग। यह करीब 300 मिलियन उपयोगकर्ताओं और हमारे लोकतंत्र के लिए खतरे की बात है।

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आईएफएफ ने कहा कि इन दोनों की विस्तृत जांच की आवश्यकता है। क्वालिटी लैब्स द्वारा 2019 की एक रिपोर्ट में लेखक ने चेतावनी दी थी कि तत्काल हस्तक्षेप के बिना, भारत में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा के ट्रिगर के रूप में इस तरह के घृणास्पद भाषण को हथियार बनाने की संभावना है।

आईएफएफ ने कहा कि फेसबुक के वैश्विक नेतृत्व को बुलाने के अलावा, जो स्थानीय भारतीय टीमों की निगरानी करते हैं, उनकी मानवाधिकार ऑडिट की सिफारिश की गई है। यह फेसबुक द्वारा 8 जुलाई, 2020 को जारी सिविल राइट्स ऑडिट रिपोर्ट के समान है।