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Rahul Gandhi: अमेरिका में राहुल ने बयां किया अपना दर्द, कहा- जब मेरी संसद सदस्यता गई थी, तब मुझे…!

Rahul Gandhi: राहुल ने आगे अपने संबोधन में कहा कि भारत में हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं, बल्कि मैं कहूंगा कि वहां पूरा विपक्षी ही संघर्ष कर रहा हूं। सभी संस्थाएं सरकार ने अपने कब्जे में कर ली है। सभी धन एक ही व्यक्ति के पास है।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 10 दिवसीय अमेरिका दौरे पर गए हैं। जहां उन्हें विभिन्न प्रस्तावित कार्यक्रम में शिरकत करना है। इससे पूर्व वे सिलिकॉन वैली स्थित उद्यमियों को संबोधित कर चुके हैं। इसके बाद वे स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। अब तक उन्होंने जितने भी कार्यक्रमों को संबोधित किया है, उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहे हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान समझने लगे हैं। कोई दो मत नहीं यह कहने में कि ऐसे लोगों की मानसिकता को समझना बहुत मुश्किल है कि आखिर ये लोग क्यों प्रधानमंत्री को भगवान समझ रहे हैं। खैर, भारत में मौजूदा सरकार लगातार विपक्षियों की आवाज को दबाने के लिए फोन टैपिंग का सहारा ले रही है। यहां तक कि मेरा फोन भी टैप किया जा रहा है और मैं तो खुलेआम मौजूदा सरकार को चैलेंज करता हूं कि आप मेरा फोन टैप कीजिए।

यकीन मानिए, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन बतौर नागरिक यह आपका कर्तव्य बनता है कि आपके फोन में संग्रहित डेटा महफूज रहे। उसमें कोई सेंध ना लगा पाए। इस बीच राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा का भी जिक्र अपने संबोधन में किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में निकाली भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े अनुभवों को साझा किया। राहुल ने बताया कि जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा निकालने का मन बनाया था, तो कैसे प्रशासन ने उन्हें सतर्क करते हुए कहा कि आपकी जान को भी खतरा हो सकता है, तो मैंने कहा था कि कोई बात नहीं। मैं भी यह देखना चाहता हूं कि आखिर कौन मुझ पर पत्थर या ग्रेनेड फेंकता है। वहीं, इस बीच राहुल ने हाल ही में अपनी सदस्यता गंवाए जाने का भी जिक्र अपने संबोधन में किया। आइए आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।

अपनी संसद सदस्यता गंवाए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आपराधिक मानहानि मामले में सबसे ज्यादा सजा पाने वाला अगर कोई भारत में है, तो वो मैं ही हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे कभी आपराधिक मानहानि मामले में इतनी लंबी सजा मिलेगी, लेकिन मैं अब सोचता हूं कि शायद इसी को राजनीति कहते हैं, क्योंकि राजनीति में कभी-कभी कोई आपदा आपके लिए कब अवसर बन जाए, आपको खुद पता नहीं चल पाता है और वर्तमान में मुझे ऐसी ही स्थिति की अनुभूति हो रही है। जिस तरह गत दिनों मुझे संसद सदस्यता गंवानी पड़ी है, उसे मैं अपने लिए एक अवसर के रूप में देखता हूं। राहुल ने कहा कि साल 2004 में जब मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी, तो कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसी परिस्थिति का सामना करना होगा, लेकिन आज जब मुझे ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है, तो इन परिस्थितियों ने मुझे अंदर से मजबूत बनाया है।

राहुल ने आगे अपने संबोधन में कहा कि भारत में हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं, बल्कि मैं कहूंगा कि वहां पूरा विपक्षी ही संघर्ष कर रहा है। सभी संस्थाएं सरकार ने अपने कब्जे में कर ली है। सभी धन एक ही व्यक्ति के पास है। हम वर्तमान में बहुत सारी दुश्वारियों से जूझ रहे हैं। इन्हीं सब मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए गत दिनों मैंने फैसला किया था कि मैं अब भारत जोड़ो यात्रा निकालूंगा। जिसका हमें सकारात्मक नतीजा भी देखने को मिला है।

ध्यान रहे कि गत लोकसभा चुनाव में  मोदी सरनेम पर विवादास्पद टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उन्हें अपनी संसद सदस्यता गंवनी पड़ी थी। वे केरल के वायनाड से सांसद थे। दरअसल, जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, जब किसी राजनेता को किसी आपराधिक मानहानि मामले में दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद सदस्यता स्वत: चली जाती है और वर्तमान में राहुल गांधी के साथ भी कुछ ऐसा हुआ है। हालांकि, अभी यह मामला उपरी अदालत में विचाराधीन है। अब ऐसे में आगामी दिनों में कोर्ट का इस पर क्या फैसला आता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।