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Row Over Deities: दिल्ली के बाद अब कर्नाटक में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान, बौद्ध संगठन ने नदी में फेंकी तस्वीरें

यादगीर के सुरपुरा शहर के पास हुनसगी में बौद्ध धर्म दीक्षा का कार्यक्रम होना है। बौद्ध धर्म दीक्षा का ये दिन धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के दिन होना है। इसी दिन संविधान के निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर ने हिंदू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया था। जानकारी के मुताबिक बौद्ध धर्म दीक्षा कार्यक्रम के आयोजकों ने इसमें आंबेडकर की पौत्री रमा को भी बुलाया है।

यादगीर। हिजाब विवाद के बाद अब कर्नाटक में नया विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक के यादगीर में हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का मामला सामने आया है। यहां 14 अक्टूबर को होने वाले बौद्ध धर्म दीक्षा कार्यक्रम से पहले हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें नदी में फेंकी गई हैं। यादगीर के सुरपुरा शहर के पास हुनसगी में बौद्ध धर्म दीक्षा का कार्यक्रम होना है। बौद्ध धर्म दीक्षा का ये दिन धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के दिन होना है। इसी दिन संविधान के निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर ने हिंदू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अपना लिया था। जानकारी के मुताबिक बौद्ध धर्म दीक्षा कार्यक्रम के आयोजकों ने इसमें आंबेडकर की पौत्री रमा को भी बुलाया है।

buddhists
प्रतीकात्मक तस्वीर

बौद्ध दीक्षा के कार्यक्रम को गोल्डन केव बौद्ध विहार ट्रस्ट और दलित संगठनों ने संयुक्त रूप से कराने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इसमें हजारों हिंदू अपना धर्म परिवर्तन कर बौद्ध बनेंगे। आरोप है कि गोल्डन केव बौद्ध विहार ट्रस्ट के चेयरमैन वेंकटेश होसामणि और उनके साथियों ने सोमवार को हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को नदी में फेंका है। अपने घरों से ये लोग तस्वीरें लेकर आए थे। सोशल मीडिया पर ये जानकारी आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों ने इसकी निंदा की है। हालांकि, पुलिस की ओर से इस मामले की किसी कार्रवाई की जानकारी अब तक नहीं मिली है। माना जा रहा है कि इस मामले में पुलिस कार्रवाई करेगी।

तस्वीरों को नदी में फेंकने वालों में शामिल नागराज कल्लादेवराहल्ली ने मीडिया से कहा कि वेंकटेश को तस्वीरें हटाने के लिए कहा गया था। इसके बाद उन्होंने ये फैसला किया। बता दें कि इससे पहले दिल्ली में बीते दिनों बौद्धों के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ हजारों लोगों ने ली थी। इस पर विवाद खड़ा हुआ था। जिसकी वजह से केजरीवाल सरकार के मंत्री राजेंद्र गौतम को अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। इस मामले में दिल्ली पुलिस से शिकायत की गई थी। पुलिस जांच कर रही है और राजेंद्र गौतम से भी उसने पूछताछ की है।