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Income Tax Department: गांधी परिवार की बढ़ेगी मुश्किलें!, इनकम टैक्स विभाग ने रॉबर्ट वाड्रा पर लगाया है बड़ा आरोप

Income Tax Department: विभाग की ओर से रॉबर्ट वाड्रा की सात कंपनियों की आय में लगभग नौ करोड़ रुपये जोड़ने का प्रस्ताव भी किया है, जो कि मूल्यांकन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2010-11 से 2015-16 के अंतराल का है।

नई दिल्ली। कांग्रेस की मौजूदा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पहले से ही बीच समंदर गोते खाती अपनी पार्टी को डूबती नैया को बचाने में जुटी हुई है। ऐसे में गांधी परिवार के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई है। दरअसल, सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ा आरोप लगाया है। आयकर विभाग ने कहा है कि उन्होंने 11 साल में 106 करोड़ रुपए की आय को छिपाया है। वाड्रा पर आरोप है कि उन्होंने 11 साल में राजस्थान में बेनामी जोत से अपनी आय को 106 करोड़ रुपये से कम बताया। इस रकम को आईटी डिपार्टमेंट ने मूल्यांकन वर्ष 2010-11 से 2020-21 के दौरान उन्हें अपनी आय में जोड़ने का प्रस्ताव दिया है।


विभाग की ओर से रॉबर्ट वाड्रा की सात कंपनियों (M/S Artex, Skylight Hospitality, Skylight Realty, Bluebreeze Trading, Lambodar Arts, North India IT Parks और Real Earth) की आय में लगभग नौ करोड़ रुपये जोड़ने का प्रस्ताव भी किया है, जो कि मूल्यांकन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) 2010-11 से 2015-16 के अंतराल का है। बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम के अंतगर्त राजस्थान में भूमि सौदों में कथित तौर पर चोरी के लिए वाड्रा के विरूद्ध विभाग की जांच के बारे में आय की कम रिपोर्टिंग है। विभाग ने दिसंबर 2021 में वाड्रा की इनकम (106 करोड़ रुपए) और उनकी सात कंपनियों (लगभग नौ करोड़ रुपए) की कम रिपोर्टिंग पर अपने निष्कर्षों से प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी अवगत कराया था।


वाड्रा के वकील सुमन खेतान ने ई-मेल से सवालों के एक सेट का जवाब भी नहीं दिया है। वहीं, जब उनसे संपर्क करने पर वाड्रा ने जानकारी दी, “इसके पीछे कारण वही है, जो बीते कई सालों में रहा है। मेरा नाम सामने लाने का समय उपयुक्त लगता है। यह स्पष्ट तौर पर पीछे पड़ने वाली बात है! मेरी कानूनी टीम जैसा कि आपने उन्हें पहले ही संबोधित किया है…स्पष्ट रूप से उत्तर दे सकती है।” गौरतलब है कि आईटी अधिनियम 1961 की धारा 270 ए के अंतगर्त आय कर चुराने पर आय की कम रिपोर्टिंग के लिए देय टैक्स के 50 प्रतिशत का जुर्माना लगेगा। वहीं, गलत रिपोर्टिंग के कारण कम रिपोर्टिंग होती है तो जुर्माना देय टैक्स का 200 प्रतिशत लगेगा।