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चीन की गुजारिश को देखते हुए LAC पर एक बार फिर कमांडर लेवल की बैठक जारी

गलवान घाटी पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 के बाद अब नए झड़प की जगह लद्दाख और पेंगोंग सो के बनने की संभावना है,जहां एलएसी के पास अंदरुनी इलाकों में सेना तोप और टैंक से लैस है। पैंगोंग सो, में पीएलए के द्वारा एकतरफा एलएसी के पास सीमार पार करने की कोशिश की गई।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से कुछ ही मीटर की दूरी पर भारतीय सेना, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सामने डटकर खड़ी है, हालांकि इस बीच सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच मोल्डो में सीमा विवाद सुलझाने और एलएसी के पास तनाव कम करने के लिए कोर्प्स कमांडर स्तर की बातचीत हो रही है।


यह इस तरह की दूसरी बैठक है। इससे पहले 6 जून को इस मामले पर बैठक हुई थी। 14 कोर्प्स कमांडर लफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट चीफ मेजर जनरल लिऊ लिन के बीच के बीच वार्ता हो रही है। सूत्रों ने कहा कि वार्ता जारी रहेगी, हालांकि जवानों का पीछे हटना अभी संभव नहीं लग रहा।

India-China LAC
गलवान घाटी पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 के बाद अब नए झड़प की जगह लद्दाख और पेंगोंग सो के बनने की संभावना है,जहां एलएसी के पास अंदरुनी इलाकों में सेना तोप और टैंक से लैस है। पैंगोंग सो, में पीएलए के द्वारा एकतरफा एलएसी के पास सीमार पार करने की कोशिश की गई।

चीनी सेना लंबे समय से पैंगोंग लेक के पास डेरा जमाए है और वहां उनकी भारी उपस्थिति है। यह क्षेत्र भारत के नियंत्रण में रहा है और यही एलएसी के पास भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के संभावित समाधान का रोड़ा बना हुआ है।

china india
चीन ने फिंगर 4 और 8 के बीच कई जगहों पर अपने सेना की तैनाती कर ली है जो कि पहले ग्रे जोन हुआ करती थी। पैंगोंग लेक में चीन की कार्रवाई को यथास्थिति बदलने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय सेना ने भी होट स्पिग्रंग, देमचोक, कोयुल, फुकचे, दीपसांग, मुर्गो और गलवान के पास अपनी उपस्थिति बढ़ाई है।