नई दिल्ली। खेती में इस्तेमाल होने वाले छोटे ट्रैक्टर के नाम से फेमस पावर टिलर के फ्री इंपोर्ट को बंद करने का फैसला किया है। सरकार ने पावर टिलर और उसके कलपुर्जों के आयात को रिस्ट्रिक्टेड कैटेगिरी में डाल दिया है। इसका मतलब साफ है कि अब सरकार की इजाजत के बिना इसका इंपोर्ट चीन से नहीं किया जा सकता है। आपको बता दें कि अभी तक पावर टिलर को कितना भी इंपोर्ट किया जा सकता था। टिलर एक कृषि मशीन है, जिसका इस्तेमाल खेती के लिए जमीन तैयार करने के लिए किया जाता है। पावर टिलर के कलपुर्जों में इंजन, ट्रांसमिशन, चेसिस और रोटावेटर शामिल हैं।
क्या है नया फैसला- विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘पावर टिलर और उसके कलपुर्जों की आयात नीति को बदलाव कर मुक्त से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
किसी उत्पाद को ‘प्रतिबंधित’ श्रेणी में रखने का अर्थ है कि आयातक को उनका आयात करने के लिए डीजीएफटी से लाइसेंस लेना होगा। इसी तरह पावर टिलर के कलपुर्जों के लिए भी 10 फीसदी की सीमा तय की गई है।
अधिसूचना में कहा गया है कि आवेदक को कम से कम तीन साल से इस कारोबार में होना चाहिए और उसने पिछले तीन वर्षों में कम से कम 100 पावर ट्रिलर बेचे हों।
पावर टिलर एक ऐसा मशीन है जो खेती की जुताई से लेकर फसल बुवाई तक में मददगार है। पावर टिलर में पानी का पंप जोड़कर किसान तालाब, पोख़र, नदी आदि से पानी निकाल सकता है। इसमें थ्रेसर, रीपर, कल्टीवेटर, बीज ड्रिल मशीन आदि भी जोड़ी जा सकती हैं। पावर टिलर काफी हल्की मशीन होती है, जिसको आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं।