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अब चीन की आएगी शामत, भारत पैंगोंग झील में तैनात करेगा शक्तिशाली नौकाएं

पैंगोंग लेक में चीन की लेक आर्मी टुकड़ी की टाइप 928बी नौकाएं तैनात हैं। ऐसे में भारत के इस कदम से चीन को कड़ी टक्‍कर मिलेगी। वहीं भारत और चीन के बीच विवाद में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।

नई दिल्ली। चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच भारत बड़ा कदम उठाते हुए लद्दाख की पैंगोंग लेक पर गश्‍त बढ़ाने और चीन की गश्‍ती नौकाओं को टक्‍कर देने के लिए वहां बेहद शक्तिशाली नौकाएं तैनात करने जा रहा है। तैनात की जाने वाली नौकाएं सर्विलांस से संबंधित उपकरण और मॉडर्न तकनीकि से लैस होंगी। जाहिर सी बात है कि भारत के इस कदम से चीन की परेशानी बढ़ने वाली है।

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बता दें कि पैंगोंग लेक में चीन की लेक आर्मी टुकड़ी की टाइप 928बी नौकाएं तैनात हैं। ऐसे में भारत के इस कदम से चीन को कड़ी टक्‍कर मिलेगी। वहीं भारत और चीन के बीच विवाद में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। पैंगोंग लेक में स्‍टील की यह शक्तिशाली नौकाएं तैनात करने करने का फैसला सेनाओं ने लिया है। भारतीय नौसेना ने सी-17 विमानों से इन स्‍टील की नौकाओं को प्राथमिकता के आधार पर लेह में भेजने के लिए कहा है।

हालांकि विमान द्वारा इन बड़ी नौकाओं को भेजने में कुछ लॉजिस्टिकल परेशानी है, जिन्‍हें जल्‍द ही दूर कर लिया जाएगा। भारतीय नौसेना को किसी भी अप्रिय गतिविधि को रोकने के लिए अंडमान सागर से फारस की खाड़ी तक जहाजों की आवाजाही की निगरानी करने वाले अपने नौसैनिक बेड़े के साथ पूर्वी और पश्चिमी सीबोर्ड पर तैनात किया गया है।

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दूसरी तरफ मंगलवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की करीब 10 घंटे तक बातचीत हुई। इस बैठक का मुख्य केंद्र पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना था। सरकारी सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने इलाके में चीन के नये दावे पर चिंता जताई है और पुरानी स्थिति बहाल करने और तत्काल चीनी सैनिकों को गलवान घाटी, पेंगोंग सो और अन्य इलाकों से वापस बुलाने की मांग की।

मंगलवार की सुबह 11 बजे शुरू हुई ये बैठक रात नौ बजे तक चलती रही। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिले के मेजर जनरल लियु लिन ने किया।