चीन से जारी तनातनी के बीच कल लेह जाएंगे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, साथ में होंगे सेना प्रमुख

राजनाथ सिंह के साथ आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवणे भी होंगे।‬ ‪वो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल की फॉरवर्ड लोकेशन पर जवानों से मुलाक़ात करेंगे।‬ ‪हा

Avatar Written by: July 1, 2020 8:41 pm
Rajnath Singh Army Chief General MM Narwane

नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में तैनात सैनिकों से बातचीत करने के लिए वहां का दौरा करेंगे। राजनाथ सिंह के साथ आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवणे भी होंगे।‬ ‪वो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल की फॉरवर्ड लोकेशन पर जवानों से मुलाक़ात करेंगे।‬ ‪हालात के बारे में त्रिशूल डिवीज़न के कमांडर ब्रीफ़ करेंगे।‬ ‪रक्षा मंत्री हॉस्पिटल में एडमिट जवानों से भी मुलाक़ात करेंगे।

Rajnath Singh Army Chief General MM Narwane

रक्षा मंत्री शुक्रवार को दिल्ली से लेह के लिए उड़ान भरेंगे और 15 जून को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा किए गए बर्बर हमले के दौरान घायल हुए सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे।

हमले में भारत ने 20 सैनिक खो दिए थे और चीनी सेना के सैनिक भी हताहत हुए थे, लेकिन चीन ने अभी अपने हताहत हुए सैनिकों की संख्या पर चुप्पी साध रखी है।

Rajnath Singh Army Chief General MM Narwane

सूत्रों ने कहा कि राजनाथ सिंह उन स्थानों का दौरा कर सकते हैं, जहां भारतीय सैनिक तैनात हैं।

भारतीय सैनिकों की हत्या पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा था कि गलवान घाटी में सैनिकों का नुकसान परेशान करने वाला दर्दनाक है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता का परिचय देते हुए अपना कर्तव्य निभाया और देश की खातिर अपने जीवन का बलिदान दिया है।

उन्होंने कहा, “राष्ट्र कभी भी उनकी बहादुरी और बलिदान को नहीं भूलेगा। शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के लिए मेरी संवेदनाएं हैं।”

Rajnath Singh

राजनाथ सिंह 22 जून को तीन दिनों के लिए मॉस्को के रेड स्क्वायर में विजय दिवस परेड में भाग लेने के लिए रूस गए थे। यह कार्यक्रम 1941 से 1945 के बीच हुए द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ रूस की जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया था। इस दौरे के दौरान सिंह ने रक्षा सौदों पर भी चर्चा की।

अपने दौरे के दौरान उन्होंने कहा था कि भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों का भविष्य मजबूत है।

rajnath singh

सिंह ने रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ बैठक में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की समीक्षा की। रूस ने भारत को आश्वासन दिया है कि चल रहे रक्षा अनुबंधों को न केवल बनाए रखा जाएगा बल्कि कई मामलों में तो इसे कम समय में ही और आगे बढ़ाया जाएगा।

भारत और रूस ने 16 अरब डॉलर के रक्षा सौदे किए हैं। मॉस्को ने कहा है कि वे अनुबंधों के समय पर कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति और कलाश्निकोव राइफल्स और कामोव हेलीकॉप्टरों का उत्पादन शामिल है।

भारत और रूस ने 2018 में पांच अरब डॉलर से अधिक के एस-400 सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।