नई दिल्ली। लगातार दूसरे दिन तेल ले जा रहे जहाज पर हमले की घटना हुई है। शनिवार को अरब सागर में भारत के मंगलुरु आ रहे जहाज पर ड्रोन से हमला किया गया था। अब ताजा घटना लाल सागर में हुई है। लाल सागर में भारत का झंडा लगाकर जा रहे एमवी साईबाबा जहाज पर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने ड्रोन से हमला किया है। ड्रोन से हमले के बाद इस जहाज ने खतरे का सिग्नल भेजा। जिसे इलाके में मौजूद अमेरिकी युद्धपोत ने सुनकर मदद देने का फैसला किया। अमेरिकी सेना की तरफ से बयान जारी कर बताया गया है कि ये तेल टैंकर जहाज मूल रूप से गैबॉन का है। अमेरिकी सेना के मुताबिक ड्रोन हमले से जहाज के किसी कर्मचारी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। अमेरिकी सेना का कहना है कि हूती विद्रोहियों ने नॉर्वे का झंडा लगाए हुए एक और जहाज पर हमले की कोशिश की थी, लेकिन उसमें वो नाकाम रहे।
इससे पहले शनिवार को भारत के समुद्र तट से 217 समुद्री मील दूर एक जहाज को ईरान में बने ड्रोन से निशाना बनाया गया था। इस जहाज पर ड्रोन गिरने से आग लग गई थी। जिसे चालक दल ने तुरंत बुझा दिया था। इसके बाद एमवी केम प्लूटो जहाज ने खतरे का संदेश भेजा था। जिसके बाद कोस्ट गार्ड के जहाज विक्रम को उसकी मदद के लिए भेजा गया। इसके अलावा अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना के जहाजों को भी एमवी केम प्लूटो के चालक दल और जहाज की सुरक्षा के लिए भेजा गया। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने आज सुबह ही बताया था कि ईरान में बने ड्रोन से एमवी केम प्लूटो को निशाना बनाया गया था।
भारतीय नौसेना अब ये जांच कर रही है कि ईरान में बने ड्रोन से आखिर इतनी दूरी तक हमला किस तरह किया गया। नौसेना को शक है कि इलाके में मौजूद किसी और जहाज से एमवी केम प्लूटो को निशाना बनाने के लिए ड्रोन भेजा गया था। बहरहाल अब एक और भारतीय जहाज पर हमला होने के बाद तय है कि यमन के हूती विद्रोहियों पर अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई हो सकती है।