नई दिल्ली। जातीय जनगणना, सीएए, राम मंदिर, दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, स्थिर सरकार, इलेक्टोरल बॉण्ड। ये वो मुद्दे हैं, जो इस बार लोकसभा के चुनाव में छाए रहने वाले हैं। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान तो शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने किया, लेकिन ये मुद्दे काफी दिन पहले से ही देशभर में गूंज रहे हैं। इन 8 मुद्दों में से कुछ विपक्ष की तरफ से उठाए जा रहे हैं। वहीं, कुछ मुद्दों को उठाकर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है।
विपक्ष की तरफ से तीन अहम मुद्दे हैं। इनमें जातीय जनगणना का मुद्दा विपक्षी गठबंधन के सभी दल उठा रहे हैं। महंगाई और बेरोजगारी भी मोदी सरकार में बढ़ने का आरोप ये विपक्षी दल लगा रहे हैं। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों का कहना है कि मोदी सरकार के 10 साल में जनता की हालत लगातार खराब हुई है। इसके अलावा ताजा मुद्दा इलेक्टोरल बॉण्ड का भी उठा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी सहयोगी दल आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी ने ईडी के छापे डलवाकर कंपनियों से अपने लिए इलेक्टोरल बॉण्ड के जरिए बहुत चंदा इकट्ठा किया है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर विपक्षी दल चुनावी मैदान में उतरे दिख रहे हैं।
वहीं, पीएम मोदी और एनडीए के सहयोगी दल सरकार के पिछले 10 साल के कामकाज को अपना मुख्य मुद्दा बनाए हुए हैं। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी बड़ा मुद्दा है। देश को अगले 5 साल में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना और तीन नए कानूनी संहिता के अलावा यूसीसी, आतंकवाद मिटाने और विपक्ष पर अल्पसंख्यक वोटों के ध्रुवीकरण का मुद्दा भी बीजेपी और एनडीए के दल उठा रहे हैं। सीएए का मुद्दा ताजा है और इस पर विपक्ष की तरफ से उठाई जा रही आपत्ति को भी बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने हिंदू विरोधी मुद्दे के तौर पर उठाया है। अब सबकी नजर इस पर है कि 7 चरणों में लोकसभा चुनाव के दौरान जनता किसके मुद्दों पर वोट डालती है और 4 जून को नतीजे किसके पक्ष में आते हैं।