नई दिल्ली। इस समय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में अपना व्याख्यान दे रहे हैं। वह कैंब्रिज विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं, यहां व्याख्यान के दौरान उन्होंने सुनने की कला पर जोर दिया। उन्होंने वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए नई सोच का आह्वान किया। हमें जबरन डाले जाने वाले दबाव का विरोध करना होगा। राहुल ने हालिया वर्षों में भारत और अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों में विनिर्माण में गिरावट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बदलाव ने बड़े पैमाने पर असमानता और नारजगी को जन्म दिया है। इस पर तत्काल ध्यान देने और बात करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में बोलते हुए कई सारी बातें कहीं हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हम ऐसे ग्रह का खर्च नहीं उठा सकते, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत काम नहीं कर सकता। इसलिए हमें इस बारे में नई सोच की जरूरत है कि आप कैसे लोकतांत्रिक वातावरण में काम कर सकते हैं, बजाय जबरन दबाव वाले वातारण के। हमें नए पर्यावरण को स्थापित करने की आवश्यकता है जिसमें युवाओं का समावेशन हो।
गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने लेक्चर की शुरुआत भारत में पूर्वाग्रह, बेरोजगारी और बढ़ती असमानता पर ध्यान आकर्षित करने के लिए सितंबर 2022 से जनवरी 2023 तक 12 राज्यों में लगभग 4,000 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा की रूपरेखा के साथ की। उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र सभा को यह भी समझाया कि ‘यात्रा’ एक सफर या तीर्थयात्रा की तरह है, जिसमें लोग खुद को सीमित कर देते हैं, ताकि वे दूसरों को सुनने की क्षमता पैदा कर सकें।