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Bihar News: बिहार में दूसरी शादी करना नहीं होगा आसान, पहले करना होगा ये काम, जानिए क्या है नीतीश सरकार का फरमान

Bihar News: अगर बिहार सरकार में कार्यरत किसी भी स्तर के सरकारी कर्मचारी दूसरी शादी करते हैं तो उनकी शादी तभी वैध मानी जाएगी जब वो इसके लिए सरकार से इजाजत लेते हैं। सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी को दूसरी शादी की पर्सनल लॉ से मान्यता मिल भी गई हो और सरकार से इजाजत नहीं मिली होगी तो भी ये शादी मान्य नहीं मानी जाएगी।

नई दिल्ली। हर व्यक्ति चाहे फिर वो लड़का हो या लड़की…सबका सपना होता है कि वो अपनी शादी को खास बनाए। इस शादी के लिए उनके कई सपने होते हैं। सोशल मीडिया पर भी आपको रोजाना शादी से जुड़े वीडियोज देखने को मिलते भी होंगे। हालांकि कई बार कुछ कारणों की वजह से शादी टिक नहीं पाती और टूट (तलाक) जाती है। कई लोग शादी के बाद एक दूसरे से अलग हो जाते हैं और दूसरी शादी कर लेते हैं लेकिन अब बिहार में दूसरी शादी करना पहले जितना आसान नहीं है। दरअसल, बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने दूसरी शादी के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। राज्य सरकार ने सरकारी कर्मियों की दूसरी शादी को लेकर नए नियम बनाए हैं। इस नियम के मुताबिक, अगर बिहार सरकार में कार्यरत किसी भी स्तर के सरकारी कर्मचारी दूसरी शादी करते हैं तो उनकी शादी तभी वैध मानी जाएगी जब वो इसके लिए सरकार से इजाजत लेते हैं। सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी को दूसरी शादी की पर्सनल लॉ से मान्यता मिल भी गई हो और सरकार से इजाजत नहीं मिली होगी तो भी ये शादी मान्य नहीं मानी जाएगी।

क्या है नीतीश सरकार की गाइडलाइन

बिहार सरकार की तरफ से जो आदेश जारी किए गए हैं उसके मुताबिक पूर्व पति या फिर पूर्व पत्नी के जिंदा (जीवित) रहते हुए अगर कोई दूसरा शादी करता है तो वो मान्य नहीं मानी जाएगी। इतना ही नहीं इस तरह की शादी से पैदा हुई संतान को अनुकंपा के आधार पर बिहार सरकार के विभागों में नौकरी भी नहीं दी जाएगी। यानी की उनकी संतान को सरकारी नौकरी के लिए किसी तरह की दावेदारी नहीं कर पाएगी।

बिना इजाजत विवाह से होंगे ये नुकसान

बिहार की नीतीश सरकार ने आदेश जारी करने के साथ ही ये भी साफ कर दिया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के सेवाकाल के दौरान निधन (मौत) की स्थिति में बिना इजाजत शादी से हुई संतान को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए दिए गए प्रस्ताव सही नहीं माने जाएंगे। वहीं, अगर सरकार से अनुमति लेकर दूसरी शादी कानून सम्मत तरीके से की जाती है तो ऐसी स्थिति में पत्नी और बच्चे दोनों अनुकंपा आधारित नौकरी के हकदार होंगे।

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पहली पत्नी का अहम स्थान

बिहार सरकार की ओर से जारी की गई इस गाइडलाइन की मानें तो पहली पत्नी का स्थान ही सबसे पहला और खास माना जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इससे जुड़े आदेश सभी विभागों के प्रमुख, डीजीपी, मंडलीय आयुक्त और सभी जिलों के अधिकारियों को भी भेजे गए हैं।

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नियमों का पालन करना जरूरी

ऐसे में अब दूसरी शादी के लिए पहले सरकार के स्तर से तय किए गए नियमों का पालन जरूरी होगा। पहली पत्नी के होने के बावजूद अगर दूसरी पत्नी की नियुक्ति पर विचार करने की नौबत आती भी है तो इसके लिए पहले जीवित पत्नी की तरफ से अनापत्ति या फिर शपथ पत्र देना पड़ेगा। देखा जाए तो एक तरह से नीतीश सरकार इस फैसले से पारिवारिक स्तर पर कई तरह की परेशानियों को दूर कर रही है।