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Janmashtami 2021: इस मंदिर में खास तरह से मनाया जाता है जन्माष्टमी का पर्व, भगवान को दी जाती 21 तोपों की सलामी

Janmashtami 2021: नाथद्वारा शहर की संस्कृति पर ब्रज का प्रभाव है। इसका बड़ा कारण प्रभु श्रीनाथजी है। हालांकि इस बार कोरोना गाइडलाइन के तहत श्रद्धालुओं को यहां जन्माष्टमी के पर्व पर पंचामृत स्नान और नंद महोत्सव के दर्शन नहीं करने रा सौभाग्य नहीं पाएंगा। 

नई दिल्ली। भारत में जन्माष्टमी का पर्व बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है। हर मंदिर में भगवान के जन्म का जश्न अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। भारत के वैभवशाली प्रधान तीर्थ स्थलों में वल्लभ संप्रदाय प्रधान पीठ राजसमंद जिले का नाथद्वारा अग्रणी है। यहां होने वाले उत्सवों में जन्माष्टमी और नंद महोत्सव का अलग ही अंदाज और महत्व होता है। नाथद्वारा शहर की संस्कृति पर ब्रज का प्रभाव है। इसका बड़ा कारण प्रभु श्रीनाथजी है। हालांकि इस बार कोरोना गाइडलाइन के तहत श्रद्धालुओं को यहां जन्माष्टमी के पर्व पर पंचामृत स्नान और नंद महोत्सव के दर्शन नहीं करने रा सौभाग्य नहीं पाएंगा।

ऐसे मनाया जाता है जन्माष्टमी पर्व

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के रूप में जन्माष्टमी के नाम से देश के धर्म-संप्रदायों में अपने-अपने ढंग से मनाई जाती है। लेकिन नाथद्वारा में इसका अपना स्वरूप है। पर्व पर सुबह 4 बजे शंखनाद होते हैं, आधे घंटे बाद मंगला दर्शन खुलते हैं। पर्व पर ठाकुरजी धोती-उपरना धारण करते है। उनके तिलक-अक्षत लगाए जाते हैं। इसके बाद पंचामृत से स्नान किया जाता है।

पंचामृत से सराबोर  

श्री मदन मोहनलाल या बालकृष्णलाल जी पंचामृत स्नान करते है, लेकिन जन्माष्टमी विशिष्ट पर्व होने से श्रीनाथजी सहित तीनों स्वरूप पंचामृत से सराबोर होते हैं। ये दर्शन साल में एक बार ही किए जाते हैं। रात 9 बजे जागरण के  दर्शन खुलते हैं। पर्व पर इस दर्शन का विशेष महत्व है। करीब 11:30 बजे श्रीजी के सम्मुख टेरा आता है (दर्शन बन्द होते है) निश्चित समय जन्म होने का घण्टानाद होता है और ‘मोतीमहल’ की प्राचीर से दो-तीन बार जन्म होने की सूचना स्वरूप बिगुल बजाई जाती हैं।

2 तोपों से 21 बार सलामी

जन्माष्टमी पर कृष्ण जन्म के दौरान रिसाला चौक में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। श्रीनाथजी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जन्म होने पर 2 तोप से 21 बार सलामी दी जाती है। हालांकि इस बार आम श्रद्धालु तोपों को सलामी देते हुए नहीं देख पाएंगे।