नई दिल्ली। केरल के पलक्कड में एक गर्भवती हथिनी को खाने में बारुद भरा अन्ननास देने से उसकी मलप्पुरम में वेल्लियार नदी में मौत हो गई थी। जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। ऐसे काम करने वालों को लोग जानवर से भी बदतर बता रहे हैं। फिलहाल लोगों में रोष को देखते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग तेज हो चली है।
एक शख्स की गिरफ्तारी
आपको बता दें कि गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। वन मंत्री राजू ने कहा कि हत्या में कई लोग शामिल थे और सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस और वन विभाग जांच कर रही है।
One accused arrested, in connection with death of the pregnant elephant in Palakkad: Kerala Forest Minister K Raju
(file pic) pic.twitter.com/hz8AIMaHPX— ANI (@ANI) June 5, 2020
मेनका गांधी ने क्या कहा था…
गौरतलब है कि इस घटना पर जानवरों के लिए काम करने वाली बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने पूछा कि प्राइवेट हाथों में हाथियां होते क्यों हैं? हाथियों की मौत का सवाल नदी में उठे बुलबुले की तरह उठता था और मिट जाता था, लेकिन इस मौत ने उस सवाल को जिंदा कर दिया है।
हथिनी को खाने में पटाखा दे दिया था
दरअसल, केरल के मल्लपुरम जिले के एक गांव में गर्भवती हथिनी पहुंच गई थी। जहां हथिनी को खाने में पटाखा दे दिया गया था। बारूद की जलन मिटाने के लिए हथिनी वेलियार नदी में गई। तीन दिन तक पानी में मुंह डाले खड़ी रही, लेकिन बारूद का जहर इतना बड़ा था कि ना मां बची ना बच्चा।
पालतू हाथी अब गिनती में कुल 507
एक आंकड़ें की मानें तो पालतू हाथी अब गिनती में कुल 507 रह गए थे, जिनमें 410 नर और 97 मादा हैं.।साल 2017 में 17 हाथियों की मौत हुई, जबकि साल 2018 में 34 और साल 2019 में 14 हाथियों की मौत हुई। पहले हाथी पर संवेदनाओं के शब्द निकले, फिर अचानक वो सियासत में बदल गए।