लखनऊ। यूपी की 80 लोकसभा सीटों के बंटवारे पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में पेच फंसा हुआ है। खबरों के मुताबिक सोमवार देर रात तक भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर कोई फैसला नहीं हो सका था। इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस को 17 लोकसभा सीटें यूपी में देने का प्रस्ताव दिया था। अखिलेश यादव ने सोमवार को ये भी कहा था कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में वो तभी शामिल होंगे, जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच यूपी की लोकसभा सीटों का बंटवारा हो जाएगा। राहुल गांधी की यात्रा आज अमेठी और आसपास के इलाकों में है। अखिलेश को पहले यहीं यात्रा में शामिल होना था, लेकिन अब इसके आसार कम ही दिख रहे हैं। इसके साथ ही सवाल ये भी है कि क्या यूपी में इंडिया गठबंधन खटाई में पड़ेगा?
अखिलेश यादव ने 30 जनवरी को 11 और फिर सोमवार को 16 लोकसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया था। इनमें से तमाम सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस भी दावा ठोकती रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस चाहती है कि साल 2009 के लोकसभा चुनाव नतीजों के मुताबिक उसे यूपी में लोकसभा सीटें दी जाएं। वहीं, अखिलेश यादव कांग्रेस को 17 से ज्यादा लोकसभा सीटें देने के लिए राजी नहीं हैं। हालांकि, अखिलेश यादव ने जब सोमवार को सीटों का बंटवारा न होने पर राहुल की यात्रा में शामिल नहीं होने का बयान दिया था, तो कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान भी आया था कि समाजवादी पार्टी और उनके बीच सब कुछ सामान्य है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और पंजाब में अरविंद केजरीवाल अकेले दम सभी लोकसभा सीटों पर लड़ने का एलान कर कांग्रेस को झटका दे चुके हैं। अब यूपी में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के सामने पेच फंसा दिया है। ऐसे में सबकी नजर इस पर है कि क्या बंगाल और पंजाब के बाद यूपी में भी इंडिया गठबंधन के दलों की यारी खतरे में पड़ जाएगी? फिलहाल के आसार तो ऐसे ही दिखते हैं। हालांकि, राजनीति में पल-पल संभावनाएं बदलती हैं और अखिलेश की समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच तालमेल हो भी सकता है।