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Kerala: वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर के खिलाफ याचिका दर्ज, तो कोर्ट ने पूछा- क्या पीएम पर शर्म आती है?

Kerala: कोविड-19 वैक्‍सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने को लेकर केरल के हाई कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कई तरह के सवाल किए हैं। कोर्ट ने यह सवाल भी किया कि क्या उन्हें देश की प्रधानमंत्री पर शर्म आती है।

नई दिल्ली। कोविड-19 वैक्‍सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने को लेकर केरल के हाई कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कई तरह के सवाल किए हैं। कोर्ट ने यह सवाल भी किया कि क्या उन्हें देश की प्रधानमंत्री पर शर्म आती है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति ने सवाल करते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को देश की जनता ने खुद ही चुना है। ऐसे में वैक्‍सीन सर्टिफिकेट पर उनकी तस्वीर लगाने में कोई गलती नहीं है। इस पर जवाब देते हुए याचिकाकर्ता के वकील ओर से अदालत में यह कहा गया है कि बाकि देशों में इस तरह की कोई परंपरा नहीं है। इस पर टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि, ”उन्हें भले ही अपने प्रधानमंत्री पर गर्व न हो, हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है।”

अदालत ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा, ”आपको प्रधानमंत्री पर शर्म क्यों आती है? वह लोगों के जनादेश से सत्ता में आए… हमारे अलग-अलग राजनीतिक विचार हो सकते हैं, लेकिन वह हमारे प्रधानमंत्री हैं।”

एक घंटे तक हुई सुनवाई

कोर्ट में दर्ज करवाई गई इस याचिका पर एक घंटे से भी ज्यादा समय तक सुनवाई की गई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी कहा कि अपने प्रधानमंत्री पर गर्व करना या न करना व्यक्ति की निजी इच्छा पर निर्भर होता है।

इसके साथ ही अदालत को यह भी बताया गया कि यह राजनीतिक मतभेदों का मामला नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जनता के पैसे का इस्तेमाल करने वाले विज्ञापनों और अभियानों के लिए दिशानिर्देश भी निर्धारित किए हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रमाण पत्रों पर तस्वीर होने से मतदाताओं के मन पर भी प्रभाव पड़ता है और यह मुद्दा हाल के राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान उठाया गया था।

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याचिकाकर्ता की दलील

याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि प्रमाण पत्र एक ”निजी स्थान” है, जिसमें व्यक्तिगत विवरण दर्ज किया जाता है। लिहाजा किसी व्यक्ति की गोपनीयता में दखल देना उचित नहीं है। उन्होंने अपनी दलील में यह भी कहा है कि प्रमाणपत्र में प्रधानमंत्री की तस्वीर जोड़ना किसी व्यक्ति के निजी स्थान में घुसपैठ है। जिस पर अदालत की ओर से यह भी कहा गया है कि देश के 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका प्रमाण पत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर होने से कोई दिक्कत होती नहीं दिखती तो ”आपको क्या परेशानी है?” अदालत ने यह भी कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि क्या याचिका में कोई दम है और अगर नहीं है तो वह मामले का निपटारा कर देगी।