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Rohit Bal In Hospital: मशहूर फैशन डिजायनर रोहित बल डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी के बने शिकार, जानिए इस खतरनाक बीमारी के लक्षण

61 साल के रोहित बल का स्वास्थ्य उस चीज ने खराब कर दिया, जिसके तमाम मुरीद हैं और जिसके लगातार सेवन को डॉक्टर जानलेवा बताते हैं। हम बात शराब की कर रहे हैं। 13 साल पहले भी रोहित बल को जबरदस्त हार्ट अटैक हुआ था। तब उनकी एंजियोप्लास्टी करने की जरूरत पड़ गई थी।

गुरुग्राम। फैशन डिजाइनिंग में भारत का नाम दुनिया में फेमस कराने वाले तमाम डिजायनर हैं। इनमें रोहित बल भी शामिल हैं। अपने ग्रैंड फैशन शो और रैंप पर तड़क-भड़क वाले अंदाज में मॉडल्स से कैटवॉक कराकर चर्चा में आए रोहित बल अब गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मौत से जूझ रहे हैं। 61 साल के रोहित बल का स्वास्थ्य उस चीज ने खराब कर दिया, जिसके तमाम मुरीद हैं और जिसके लगातार सेवन को डॉक्टर जानलेवा बताते हैं। हम बात शराब की कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक रोहित बल बतौर डिजायनर तो प्रसिद्ध हुए ही, लेकिन फैशन डिजायनिंग के क्षेत्र से जुड़े होने की वजह से शराब भी वो पीते रहते। इसी शराब ने रोहित बल को आज इतना बीमार कर दिया कि अस्पताल में उनको वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखना पड़ा है।

rohit bal 1

रोहित बल को 13 साल पहले दिल का जबरदस्त दौरा भी पड़ा था। तब उनकी एंजियोप्लास्टी करनी पड़ी थी। अब बताया जा रहा है कि रोहित बल का शुगर बढ़ा हुआ है, किडनी फेलियर हुआ है और इसके साथ डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी ने भी उन्हें अपना शिकार बनाया है। रोहित बल की उम्र 61 साल है और ऐसे में इलाज के सभी तरीके अपनाने के साथ डॉक्टर और उनके चाहने वाले ईश्वर से भी प्रार्थना कर रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक 23 नवंबर को रोहित बल के सीने में तेज दर्ज हुआ था। उनको मेदांता ले जाया गया। जहां टेस्ट के बाद पता चला कि रोहित बल को डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी हुई है। इसके बाद उनकी किडनी फेल होने और शुगर बढ़ने की भी जानकारी मिली।

dilated cardiomayopathy

डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी की बीमारी दिल की मांसपेशी का रोग है। ये आमतौर पर रक्त को पंप करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले दिल के लेफ्ट वेंट्रिकल में शुरू होता है। डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी में वेंट्रिकल दिल को आराम करने से रोकता है और उसमें खून का बहाव बढ़ जाता है। दिल में जो दो वेंट्रिकल होते हैं, वे खिंचाव वाले और पतले होते हैं। डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी के मरीज में थकान, सीने में दर्द, बेहोशी, खून का थक्का बनना, कमजोरी, वजन बढ़ना, दिल में हल्की मर्मर की आवाज, घबराहट, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, चक्कर आना, सिरदर्द, टखने, पैर और पेट में सूजन, व्यायाम न कर पाना जैसे लक्षण दिखते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत किसी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।