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Army On Manipur Violence: मणिपुर में आतंकियों की मदद करने के आरोपों को सेना ने बताया झूठा, देखिए बयान

मणिपुर में बीती 3 मई से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा का दौर चल रहा है। सुरक्षाबलों को बड़े पैमाने पर मणिपुर में तैनात किया गया है। यहां कुकी और मैतेई समुदाय के इलाकों के बीच में सेना और सुरक्षाबलों ने बफर जोन बनाया है। इसके बावजूद कुकी और मैतेई इस जोन को पार कर एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं।

इंफाल। भारतीय सेना ने मणिपुर में आतंकियों की मदद करने के आरोपों को झूठा बताया है। सेना की स्पीयर कोर की तरफ से बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सेना की तरफ से कभी भी किसी ऐसे संगठन की मदद नहीं की जा रही है। इस बयान में कहा गया है कि मणिपुर में सेना के अलावा अन्य सुरक्षाबल भी तैनात हैं। ऐसे में उनके बीच कभी-कभी विभिन्न मुद्दों पर अलग राय बन जाती है। सेना की स्पीयर कोर की तरफ से कहा गया है कि सामूहिक नेतृत्व के जरिए विवादित मुद्दों को तत्काल सुलझा लिया जाता है।

सेना की स्पीयर कोर की तरफ से ये बयान इस वजह से आया है, क्योंकि मंगलवार को मणिपुर पुलिस ने असम रायफल्स के खिलाफ केस दर्ज किया था। मणिपुर पुलिस का आरोप है कि असम रायफल्स के जवान कुकी आतंकियों को पकड़ने में बाधा पैदा कर रहे हैं। असम रायफल्स की तरफ से इन आरोपों को गलत बताया गया था। बीते दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया में आया था। जिसमें असम रायफल्स के जवानों की मणिपुर पुलिस से जुबानी जंग का खुलासा भी हुआ था। उस वीडियो में मणिपुर पुलिस के जवान और असम रायफल्स के जवानों में आरोप-प्रत्यारोप होते देखा गया था।

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मणिपुर में बीती 3 मई से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा का दौर चल रहा है। सुरक्षाबलों को बड़े पैमाने पर मणिपुर में तैनात किया गया है। यहां कुकी और मैतेई समुदाय के इलाकों के बीच में सेना और सुरक्षाबलों ने बफर जोन बनाया है। इसके बावजूद कुकी और मैतेई इस जोन को पार कर एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं। सोमवार को ही केंद्र सरकार ने मणिपुर में और 10 कंपनी केंद्रीय बल भेजे हैं। हिंसा को रोकने के लिए राज्य में अब हर 75 व्यक्ति पर एक जवान हो गया है।