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Mayawati: इधर गुजरात सरकार ने UCC को लागू करने के लिए उठाया ये बड़ा कदम, उधर मायावती को लगी मिर्ची, ट्वीट कर निकाली भड़ास

Know what Mayawati said on UCC : मायावती ने यूसीसी को लेकर कहा कि, ‘यूपी व अन्य राज्यों में भी रोजगार व विकास के बजाय बीजेपी द्वारा विवादित एवं विभाजनकारी मुद्दों की तरह समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना खास बात नहीं, किन्तु गुजरात में इसको चुनावी मुद्दा बनाने से इस आमचर्चा को बल मिलता है कि वहाँ बीजेपी की हालत वास्तव में ठीक नहीं है।’

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में समान नागरिक आचार संहिता को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार है। जहां एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार यूसीसी की वकालत कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। कुल मिलाकर यह कहना उचित रहेगा कि वर्तमान में इस पूरे मसले को लेकर सियासी उबाल अपने चरम पर पहुंच चुका है। लेकिन, अब इसी सियासी बवाल के बीच बीते शनिवार को गुजरात सरकार ने समान नागरिक आचार संहिता को लागू कराने की दिशा में कैबिनेट बैठक के दौरान समिति गठन करने का फैसला किया था, जिसके बाद सियासी गलियारों से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। किसी ने इसे आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव से प्रेरित बताया तो किसी ने इसे मौजूदा सियासी स्थिति को ध्यान में रखते हुए जरूरी बताया। वहीं, गुजरात सरकार के उक्त कदम के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने समान आचार संहिता के लागू कराने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए थे। अब इसी बीच यूसीसी को लेकर बसपा प्रमुख मायावती का ट्वीट सामने आया है। आइए, जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा है ?

bsp chief mayawati allegation on bjp secret funding in up gujrat and  himanchal pradesh election nrj | BSP प्रमुख मायावती बोलीं- UP में  व‍िभाजनकारी राजनीत‍ि कर रही BJP, गुजरात चुनाव में गुप्‍त

जानिए मायावती ने क्या कहा?

बता दें कि मायावती ने यूसीसी को लेकर कहा कि, ‘यूपी व अन्य राज्यों में भी रोजगार व विकास के बजाय बीजेपी द्वारा विवादित एवं विभाजनकारी मुद्दों की तरह समान नागरिक संहिता को चुनावी मुद्दा बनाना खास बात नहीं, किन्तु गुजरात में इसको चुनावी मुद्दा बनाने से इस आमचर्चा को बल मिलता है कि वहाँ बीजेपी की हालत वास्तव में ठीक नहीं है।’ ध्यान रहे कि मायावती ने पहली बार यूसीसी पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। मालूम हो कि राजनीतिक बिरादरी का एक बड़ा तबका यूसीसी का विरोध करता हुआ आ रहा है। जिसमें मायावती भी शामिल हैं।


जानिए क्या है यूसीसी?

बता दें कि समान नागरिक आचार संहिता के लागू होने के उपरांत देश के सभी नागरिकों को एक ही समान कानून मनाना होगा। चाहे वो किसी भी धर्म, राज्य, संस्कृति या पृष्टभूमि से क्यों ना हो। उसे यूसीसी में निर्धारित किए गए नियमों को मानने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ध्यान रहे कि वर्तमान में कई लोग धर्म की आड़ में संवैधानिक नियमों की अवेहलना करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए समान नागरिक आचार संहिता को लागू कराने की मांग जोर पकड़ रही है। बहरहाल, वर्तमान में इस पूरे मसले को लेकर चर्चागोशियों का बाजार गुलजार है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।