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West Bengal: ममता बनर्जी को कलकत्ता HC का बड़ा झटका, चुनाव बाद हिंसा के सारे मामलों की जांच CBI को सौंपी

West Bengal: बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद कई जिलों में हिंसा फैली थी। हिंसा में बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की जान चली गई थी। तमाम महिलाओं ने खुद से गैंगरेप करने का आरोप ममता की पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगाया था। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल हुई थीं। याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम को प्रभावित लोगों से मिलकर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। दरअसल राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं की अदालत की निगरानी में CBI जांच का आदेश दिया है।हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस राजेश बिंदल की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने बंगाल हिंसा पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि इस रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हत्या और रेप हुए हैं। ऐसे में कोर्ट अपनी देखरेख में सीबीआई जांच कराएगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि दूसरे सभी मामलों की जांच के लिए SIT बनाई जाए। इसमें तीन सदस्य होंगे। SIT की जांच पर भी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस नजर रखेंगे। ये विशेष जांच दल अपने काम के लिए किसी भी जांच एजेंसी की मदद ले सकेगा।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद कई जिलों में हिंसा फैली थी। हिंसा में बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की जान चली गई थी। तमाम महिलाओं ने खुद से गैंगरेप करने का आरोप ममता की पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगाया था। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल हुई थीं। याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम को प्रभावित लोगों से मिलकर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था।

Mamata Banerjee

मानवाधिकार आयोग की टीम को जगह-जगह रोका गया था। टीम ने हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी थी। टीम ने रिपोर्ट में बंगाल सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। कई जिलों का डेटा देकर टीम ने रिपोर्ट में बताया था कि कहीं आरोपियों में से 1.5 फीसदी या अधिक से अधिक 3 फीसदी को गिरफ्तार किया गया। इसके लिए राज्य के डीजीपी की रिपोर्ट का हवाला मानवाधिकार आयोग की टीम ने हाईकोर्ट को दिया।

पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने 2 जून को नतीजे आने के बाद ऐसी हिंसा की थी कि वहां के करीब 400 लोगों को गांवों से पलायन कर असम में शरण लेनी पड़ी थी। असम सरकार ने इनके रहने और खाने का प्रबंध किया था। वहीं, सीएम ममता बनर्जी और उनकी सरकार के अफसर लगातार कहते रहे थे कि हिंसा की इतनी घटनाएं नहीं हुई हैं, जितना दावा बीजेपी के नेता कर रहे हैं।