कोलकाता। ममता बनर्जी के राज में चुनाव बाद भी बीजेपी और आरएसएस के लोगों का जमकर उत्पीड़न हो रहा है। उनसे मारपीट की जा रही है। ताजा मामला हावड़ा जिले के लिलुआ का है। यहां संघ के स्थानीय कार्यवाह को टीएमसी के गुंडों ने जमकर पीटा और उन्हें अगवा करने की कोशिश की।
ये वारदात 26 जुलाई की है। संघ के कार्यवाह नंद किशोर शर्मा ने पुलिस में शिकायत की है कि रात 10 बजे वह अपनी दुकान बंद करके घर जा रहे थे। लिलुआ के गुहा पार्क इलाके में जिंदल हाइट्स के सामने कुछ लोग हाथों में डंडे और सरिया लेकर खड़े थे। उन्हें देखते ही सभी ने घेर लिया और गाली-गलौच के बाद पीटने लगे। इससे उनकी बाईं आंख, दांत और नाक पर गंभीर चोटें आईं।
नंद किशोर के मुताबिक उन्हें जमीन पर गिराकर लातों से भी पीटा गया। पिटाई की वजह से उनके शरीर से कई जगह खून निकल आया। संघ के कार्यवाह ने बताया है कि उनके कपड़े फाड़ दिए गए और 30000 रुपए, सोने की चेन वगैरा भी छीन ली गई। नंद किशोर के मुताबिक हमलावरों ने संघ की शाखा लगाने से मना किया और दूसरे दिन स्थानीय टीएमसी के दफ्तर में आने के लिए कहा ताकि मैं लिखकर दूं कि संघ का काम नहीं करूंगा। उनके मुताबिक स्थानीय अस्पताल ने भी पुलिस की मदद के बगैर उनका इलाज करने से इनकार किया।
नंद किशोर ने इस मामले में पूर्व सभासद देव किशोर पाठक, काके और 15-20 और लोगों के नाम तहरीर दी है। पुलिस के मुताबिक घटना की जांच की जा रही है। बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा हुई थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम ने सभी मामलों की जांच के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि घटनाओं में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। टीम ने हाईकोर्ट से सिफारिश की थी कि हर घटना की सीबीआई जांच कराई जाए और सभी मामलों में मुकदमों की सुनवाई को पश्चिम बंगाल से बाहर की अदालतों में कराया जाए।