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Lakhimpur: लखीमपुर हिंसा में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, जानिए क्या रही मौत की वजह

Lakhimpur: लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद से सियासी घमासान जारी है। इस हिंसा में 8 लोगों की मौत होने पुष्टि हुई है, जिनमे चार किसान भी शामिल है। यह घटना होना बाद से विपक्ष यूपी सरकार पर लगातार हमलावर है।

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद से सियासी घमासान जारी है। इस हिंसा में 8 लोगों की मौत होने पुष्टि हुई है, जिनमे चार किसान भी शामिल है। यह घटना होना बाद से विपक्ष यूपी सरकार पर लगातार हमलावर है। सभी दल योगी सरकार को घेरने पर लगे हुए हैं। इसी बीच घटना में मारे गए 8 लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है। सामने आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी की मौत शॉक लगने से तो किसी की हेमरेज की वजह से हुई है। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात नहीं कही गई है

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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आई मौत की वजह

हिंसा में मारे गए किसान लवप्रीत की मौत घिसटने की वजह से हुए है। उनके शरीर पर कई चोट के निशान मिले है। वहीं शॉक और हेमरेज मौत की वजह बताई गई है। किसान गुरविंदर सिंह के शरर पर दो चोट और घिसटने के निशान मिले हैं। धारदार या नुकीली चीज से चोट आने की पुष्टि हुई है। किसान दलजीत सिंह के शरीर पर कई जगह घिसटने के निशान मिले हैं। यही उनकी मौत की वजह कही जा रही है। किसान छत्र सिंह की मौत शॉक, हेमरेज और कोमा की वजह से बताई जा रही है। वहीं उनके शरीर पर घिसटने के निशान भी मिले हैं। बीजेपी नेता शुभम मिश्रा की भी इस हिंसा में मौत हुई है जिसकी वजह लाठी-डंडो से हुई पिटाई, शरीर पर दर्जनभर से ज्यादा जगहों पर चोट के निशान मिले बताए जा रहे हैं। हरिओम मिश्रा के शरीर पर भी लाठी-डंडों के निशान मिले हैं। साथ ही शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं। बीजेपी कार्यकर्ता श्याम सुंदर की भी  लाठी-डंडों से पिटाई और घिसटने से दर्जनभर से ज्यादा चोट लगने के निशान मिले हैं। यही मौत की वजह बताई जा रही है। वहीं स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप के शरीर पर भी गंभीर पिटाई के निशान, शॉक और हेमरेज मौत की वजह कही जा रही है।

बता दें कि मामले में सरकार पर लगातार हमलावर रहे विपक्ष की ओर से गोली लगने की बात भी कही जा रही थी, लेकिन सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस तरह की कोई रिपोर्च सामने नहीं आई है, जिसमें गोली लगने की पुष्टि हुई हो।

मृतकों के परिजनों को मुआवजा

हालांकि प्रशासन और किसानों के बीच समझौता हो गया। जिसमें तय हुआ कि हिंसा में मारे गए चारों किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी मिलेगी। इसके साथ ही हिंसा में घायल हुए लोगों को 10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे।