नई दिल्ली। साल 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक की राम रथ यात्रा निकालकर राम मंदिर आंदोलन को बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी ने धार दी थी। उनकी इसी यात्रा के बाद बीजेपी लगातार सियासत में अपनी पैठ बनाती गई और राम मंदिर आंदोलन लोगों के दिलों में बस गया। अब राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। ऐसे में बीते काफी अर्से से ये चर्चा चल रही है कि लालकृष्ण आडवाणी इस समारोह का हिस्सा बनेंगे या नहीं। बीते दिनों वीएचपी के नेता और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से इस बारे में मीडिया ने सवाल किया था। जिसपर चंपत राय ने कहा था कि आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की काफी उम्र हो चुकी है और कड़ाके की ठंड देखते हुए उनको कहना चाहेंगे कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वे न आएं।
#WATCH | International Working President, Vishva Hindu Parishad Alok Kumar says, “BJP veteran LK Advani will attend Ram Temple Pran Pratistha ceremony on 22nd January in Ayodhya…” pic.twitter.com/NXEM27SGxc
— ANI (@ANI) January 10, 2024
चंपत राय के इसी बयान के बाद तमाम लोगों ने आडवाणी को न बुलाए जाने का कयास लगाते हुए नाराजगी जताई थी। सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों ने कहा था कि जिस व्यक्ति की वजह से आज राम मंदिर का सपना साकार हो रहा है, उसे आखिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में क्यों नहीं बुलाया जा रहा? अब वीएचपी की तरफ से बताया गया है कि आखिर लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे या नहीं। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आरएसएस के नेता कृष्णगोपाल के साथ बुधवार को लालकृष्ण आडवाणी से उनके आवास पर मुलाकात की और प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पत्र सौंपा। आलोक कुमार के मुताबिक आडवाणी ने इस पर खुशी जताई और कहा कि इस कार्यक्रम में आने का न्योता सौभाग्य है। आडवाणी ने ये भी कहा कि भगवान श्रीराम का मंदिर पूजा के लिए आराध्य का ही मंदिर नहीं है। उन्होंने इसे देश की पवित्रता और मर्यादा की स्थापना पक्का होने जैसा बताया है। आलोक कुमार ने मीडिया को बताया कि 22 जनवरी को लालकृष्ण आडवाणी अयोध्या पहुंचेंगे। उनकी उम्र को देखते हुए सभी तरह की मेडिकल व्यवस्था भी वहां की जाएगी।
दूसरी तरफ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिल चुका है। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र और आलोक कुमार ने भागवत से मिलकर उनको न्योता दिया। इस पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हम स्वतंत्र हुए। उसमें ‘स्व’ हमारी मर्यादा है। मोहन भागवत ने कहा कि पूरी दुनिया में घोषणा है कि भारत अपने स्व यानी मर्यादा पर खड़ा है और सबके मंगल और शांति के लिए आगे बढ़ेगा। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सब लोग तो 22 जनवरी को अयोध्या नहीं आ सकेंगे, लेकिन हर घर और गांव में इसके प्रति उत्साह है। उन्होंने कहा कि एक विश्वास सबके मन में स्थापित हुआ है, उसके कारण सम्पूर्ण देश का वातावरण मंगलमय बना है।