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Politics: कांग्रेस की दुर्दशा की वजह आई सामने, राहुल गांधी की इस एक गलती ने पार्टी को दिए चोट पर चोट

मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बीजेपी के साथ हैं और मोदी सरकार में मंत्री हैं। एक और बड़े नेता जितिन प्रसाद योगी सरकार में मंत्री बने हैं। वो भी कभी राहुल-प्रियंका के करीबी हुआ करते थे। कांग्रेस के एक और बड़े नेता और पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

नई दिल्ली। यूपी में विधानसभा के चुनाव खत्म हो रहे हैं। कांग्रेस यहां अपनी पुरानी साख लौटने का इंतजार कर रही है, लेकिन क्या ऐसा हो सकेगा ? ये सवाल इसलिए क्योंकि कांग्रेस के तमाम नेता और राहुल-प्रियंका के खास रहे लोग पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। अगर हालातों पर गौर किया जाए, तो इन नेताओं के पार्टी छोड़ने का कनेक्शन सीधे तौर पर कांग्रेस में आए जेएनयू छात्रसंघ के नेताओं से दिखता है। पिछले करीब 4 साल में जेएनयू के तमाम वामपंथी विचारधारा के नेता कांग्रेस में आए और इसके साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं का एक-एक कर पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हुआ।

sandeep singh

पहले बताते हैं कि वामपंथी विचारधारा के ऐसे कौन से जेएनयू छात्रसंघ के नेता हैं, जो कांग्रेस में आए हैं। इनमें पहला नाम संदीप सिंह का है। वो जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। 4 साल पहले वो कांग्रेस में आए थे और अब प्रियंका के पर्सनल सेक्रेटरी हैं। संदीप के बारे में कहा जाता है कि बिना उनकी मर्जी के कोई भी नेता प्रियंका से मिल नहीं सकता। कई और वामपंथी नेताओं को भी संदीप कांग्रेस में लेकर आए। इसके अलावा जेएनयू छात्रसंघ के ही एक और वामपंथी अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार भी कांग्रेस में हो लिए। ये लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती। जेएनयू छात्रसंघ के एक और वामपंथी अध्यक्ष रहे मोहित पांडेय भी कांग्रेस में आए हैं। वो सोशल मीडिया के इंचार्ज हैं।

rahul gandhi and priyanka gandhi

इन वामपंथी छात्र नेताओं के आने के बाद कांग्रेस का दामन छोड़ने वाले नेताओं की बात कर लेते हैं। मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बीजेपी के साथ हैं और मोदी सरकार में मंत्री हैं। एक और बड़े नेता जितिन प्रसाद योगी सरकार में मंत्री बने हैं। वो भी कभी राहुल-प्रियंका के करीबी हुआ करते थे। कांग्रेस के एक और बड़े नेता और पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल भी आए दिन पार्टी के कामकाज पर सवाल उठाते हैं। ये सारे वो नेता हैं, जो राहुल गांधी की कोर टीम का हिस्सा हुआ करते थे। राहुल गांधी की ये कोर टीम साल 2003 में बनी थी, लेकिन सब बिखर गए हैं।