नई दिल्ली। आज तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उद्धव ठाकरे विराजमान हैं, लेकिन कल रहेंगे की नहीं, यह कह पाना मुश्किल है, क्योंकि सूबे का राजनीतिक संकट लगातार गहराता जा रहा है। जहां शिंदे गुट में बागी विधायकों की आमद बरकरार है, तो वहीं महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में आ चुकी है। अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि उद्धव आज मुख्यमंत्री हैं, लेकिन कल होंगे की नहीं, इसका पता नहीं। वहीं, एकनाथ शिंदे आज पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए हैं, जहां उन्होंने मुंबई आने की इच्छा जाहिर की है। इसके साथ ही उन्होंने बागी विधायकों के संदर्भ में कहा कि वे अपनी इच्छा से हमारे साथ आएं हैं। ध्यान रहे कि एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट से उनके बागी विधायकों को बड़ी राहत मिली है। अब ऐसे में माना जा रहा है कि अब शिंदे अपने साथी नेताओं के साथ मुंबई रवाना होंगे और वहां बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर प्रदेश में सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। फिलहाल महाराष्ट्र की राजनीति में जारी खींचतान क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें हैं, लेकिन उससे पहले बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने मीडिया से मुखातिब होन के क्रम में उद्धव ठाकरे पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। आइए, आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।
जानें पूरा माजरा
दरअसल, मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में प्रवीण दरेकर ने सीएम उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया है कि 17 से 27 जून के बीच उद्धव ने ताबड़तोड़ फैसले लिए हैं और हैरानी की बात तो ये है कि इनमें से कोई भी फैसला जनहित में नहीं है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, 10 दिन में उद्धव ने 443 फैसले लिए हैं। दरेकर ने यह जानने की इच्छा जाहिर की है कि इस दौरान जितने भी फैसला लिए गए हैं, उसमें कौन से फैसले थे। इस संदर्भ में दरेकर ने राज्यपाल को भी पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार से लिए गए फैसलों के संदर्भ में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक, 22 से 24 जून के बीच राज्य सरकार ने कई बड़े फैसलों को मंजूरी दी है और 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रस्ताव को पास करवाया है। इतना ही नहीं, आनन-फानन में कई फाइलों को बंद करवा दिया गया है। खास बात यह है कि बागी मंत्री PWD विभाग के भी फैसले लिए गए। गौर करने वाली बात है कि सरकार ने जो भी फैसले मंजूर किए हैं, उसे अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इस दौरान उद्धव सरकार ने बागी विधायकों को लेकर भी फैसले लिए हैं, जो कि इस समय एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी में हैं।
आपको बता दें कि बीजेपी नेता दरेकर ने राज्यपाल को लिखे खत में कहा कि अल्पमत में रहने के बावजूद भी उद्धव ठाकरे ताबड़तोड़ फैसले लिए जा रहे हैं। दरेकर ने अपने पत्र में कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद भी सरकार ने महज 48 घंटे में 160 आदेश पारित किए हैं। खत में आनन-फानन में मंत्रियों के विभाग बदले जाने को लेकर भी सवाल किए गए हैं। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष दरेकर के पत्र के जवाब में राज्यपाल ने पत्र लिख कर उद्धव सरकार द्वारा लिए गए फैसले के संदर्भ में जवाब मांगा है। राज्यपाल द्वारा लिखित पत्र में कहा गया है कि 24 जून 2022 को नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर की चिट्ठी मिली है। जिसमें लिखा गया है कि राज्य सरकार ने जल्दबाजी में कई सारे फैसले लिए हैं, इसलिए आपसे अनुरोध है कि 22, 23 और 24 जून को राज्य सरकार की तरफ से लिए गए फैसलों की सर्कुलर जारी कर जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। दरेकर ने कहा कि यह समस्त जानकारी आर्टिकल 167 के तहत गर्वनर को उपलब्ध करवाई जाए। बहरहाल, महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति में लेटर वॉर शुरू हो चुका है। अब ऐसी स्थिति में प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति क्या कुछ रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।