देहरादून। उत्तराखंड में नकल माफिया की अब खैर नहीं है। सरकार की तरफ से नकल विरोधी अध्यादेश को गवर्नर ने मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के लागू होने से नकल माफिया के हौसले टूटेंगे। उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने जो अध्यादेश लागू करवाया है, उसके तहत पेपर लीक करने वालों को उम्रकैद और 10 करोड़ के जुर्माने की सजा मिलेगी। वहीं, नकल करने वालों के लिए भी अध्यादेश में 10 साल की सजा और 10 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उत्तराखंड सरकार ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में नकल माफिया को रोकने के लिए ये अध्यादेश जारी किया है।
हमारी सरकार द्वारा भेजे गए देश के सबसे सख्त “नकल विरोधी कानून” के अध्यादेश को माननीय राज्यपाल @LtGenGurmit जी द्वारा त्वरित रूप से स्वीकृत किए जाने पर हार्दिक आभार!
अब प्रदेश में होने वाली प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा में “नकल विरोधी कानून” लागू होगा।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 10, 2023
अध्यादेश को शुक्रवार को ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सरकार की तरफ से तैयार कराकर राजभवन भेज दिया था। धामी ने कहा था कि उत्तराखंड में बोर्ड समेत अन्य परीक्षाओं को सुचारू तौर पर कराने और नकल न होने देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया था कि नकल माफिया से निपटने के लिए सरकार कठोर दंड का प्रावधान करने जा रही है। अब नकल माफिया को उम्रकैद और 10 करोड़ जुर्माने की सजा की व्यवस्था करने से उत्तराखंड में परीक्षाओं में नकल करने और कराने वालों की रीढ़ तोड़ने की तैयारी सरकार ने कर दी है।
बता दें कि यूपी में भी एक बार तत्कालीन बीजेपी सरकार ने नकल विरोधी कानून बनाया था। उस वक्त मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यूपी के शिक्षा मंत्री थे। राजनाथ सिंह ने नकल करने वाले छात्रों को भी जेल भेजने वाला कानून बनाया था। जिसकी वजह से उस साल बोर्ड परीक्षा में नकल के मामले बहुत घट गए थे। बाद में बीजेपी सरकार हटने के बाद आई समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार ने इस कानून को रद्द कर दिया था। तबसे नकल विरोधी कठोर कानून अब उत्तराखंड में अध्यादेश के जरिए लागू किया गया है। इसके बेहतर नतीजे सामने आने की उम्मीद है।