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मुंबई के बांद्रा में स्टेशन के बाहर फिर इकट्ठा हुई हजारों प्रवासी मजदूरों की भीड़

मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर मंगलवार को एक बार फिर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की भीड़ लग गई। बिहार जाने के लिए ट्रेन पकड़ने के इरादे से यहां हजारों की संख्या में मजदूर इकट्ठा हो गए।

मुंबई। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस का भारत में प्रकोप लगातार बेहद तेजी से फैल रहा है। मार्च में लगाए गए पहले लॉकडाउन के बावजूद भी कोरोनावायरस के दिन प्रतिदिन बढ़ते मामलों की वजह राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। लेकिन इस लॉकडाउन में केंद्रीय और राज्यों के बीच संघीय प्रणाली को मजबूत रखने के लिहाज से राज्यों के हाथ में कुछ अहम फैसले लेने की ताकत सौंपी गई है।

walking in lockdown

इस दौरान लगातार प्रवासी मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन कर रहे हैं। कई जगह पलायन को लेकर मजदूरों और प्रशासन के बीच झड़पों की खबरें भी सामने आई हैं। कई जगहों पर मजदूर इकट्ठे हो रहे हैं।

मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर मंगलवार को एक बार फिर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की भीड़ लग गई। बिहार जाने के लिए ट्रेन पकड़ने के इरादे से यहां हजारों की संख्या में मजदूर इकट्ठा हो गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आई। पुलिस ने सभी को वहां से हटा दिया है। बांद्रा के साथ ही छत्रपति शिवाजी स्टेशन के बाहर भी प्रवासी मजदूर इकट्ठा हो गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बांद्रा स्टेशन से बिहार के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जाने के लिए हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। हालांकि ट्रेन में केवल उन्हीं लोगों को जाने दिया गया, जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है। स्टेशन के बाहर भगदड़ जैसा माहौल बन गया। भीड़ जुटने की खबर मिलने पर पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। अब पुलिस ने सभी मजदूरों को वहां से हटा दिया है।

इसी तरह सीएसटी स्टेशन के बाहर भी घर लौटने वालों की लंबी कतार लग गई। इस दौरान पुलिस पर मजदूरों की कथित पत्थरबाजी की बात भी सामने आई है, जिसे नियंत्रण में कर लिया गया है।

इससे पहले पिछले महीने भी मुंबई के बांद्रा स्टेशन के बाहर हजारों लोग इकट्ठा हो गए और घर भेजने की मांग करने लगे थे। इस घटना के बाद राज्य सरकार और पुलिस पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर लॉकडाउन लागू होने के बावजूद इतने सारे लोग सड़क पर कैसे आए गए?

पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ रविंद्र भाकर ने जानकारी देते हुए बताया, ‘रजिस्टर्ड यात्रियों को चेकिंग के बाद स्टेशन में जाने दिया गया। यह ट्रेन बांद्रा स्टेशन से 1700 मजदूरों को लेकर दिन में 12 बजे चली। यह ट्रेन बांद्रा से पूर्णिया के लिए रवाना हुई। बड़ी संख्या में लोग ब्रिज और सड़क के पास इकट्ठा हो गए, जो रजिस्टर्ड भी नहीं थे। इसके बाद बाहर इकट्ठा भीड़ को पुलिस ने हटा दिया।’