नई दिल्ली। लोकसभा में आज से मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की तरफ से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने दिया है। बीते कल यानी सोमवार को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता वापस हो चुकी है। जाहिर है, अब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी भी अपनी बात लोकसभा में रखेंगे। मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी करते हैं या विपक्षी गठबंधन का कोई दूसरा नेता, ये सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर पता चल जाएगा।
विपक्ष के लाए अविश्वास प्रस्ताव पर आज के अलावा 9 और 10 तारीख को भी लगातार चर्चा होगी। अविश्वास प्रस्ताव पर सभी दलों के सांसदों को बोलने का मौका मिलेगा। पीएम नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे। अगर लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के संख्याबल की बात करें, तो विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव से मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है। लोकसभा में अकेले बीजेपी के पास ही पूरा बहुमत है। 545 सदस्यों वाली लोकसभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या 300 है। वहीं, सहयोगी दलों को मिलाकर ये संख्या 317 तक पहुंचती है। विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी बीते दिनों इंटरव्यू में मान भी चुके हैं कि लोकसभा में एकजुट विपक्ष भी मोदी सरकार को हरा नहीं सकता।
अब आपको बताते हैं कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष ये अविश्वास प्रस्ताव आखिर लाया क्यों है। दरअसल, जुलाई में संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मणिपुर का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर ले जाती भीड़ दिखी थी। पता चला था कि भीड़ ने इनमें से एक महिला से गैंगरेप किया। इसी पर विपक्ष ने मुद्दा बनाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से संसद में बयान देने की मांग की। मोदी ने संसद सत्र शुरू होने से पहले मणिपुर की इस घटना पर गंभीर नाराजगी और क्षोभ जताया। जबकि, विपक्ष लगातार उनसे संसद में बयान देने की मांग कर रहा था। इसके बाद ही विपक्ष इस मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है।