newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

भोपाल को छह सेक्टरों में बांटा गया, शर्तो के साथ गतिविधियां शुरू करने की अनुमति

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसी को ध्यान में रखकर लॉकडाउन के चौथे चरण में जिलाधिकारी तरुण पिथोड़े ने शहर को छह सेक्टर में बांट दिया है।

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसी को ध्यान में रखकर लॉकडाउन के चौथे चरण में जिलाधिकारी तरुण पिथोड़े ने शहर को छह सेक्टर में बांट दिया है और कंटेनमेंट क्षेत्रों के बाहर कुछ क्षेत्रों में गतिविधियां शुरू करने की छूट दी है। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने रविवार को एक आदेश जारी कर धारा 144 को प्रभावी रखा है। यह आदेश 31 मई तक लागू रहेगा। आदेश में भोपाल शहर को मुख्यत छह सेक्टर में विभाजित कर आवश्यक गतिविधियों को सशर्त अनुमति प्रदान की गई है।

Bhopal Coronavirus
राजधानी को कोलार सेक्टर, होशंगाबाद रोड सेक्टर, रातीबड़ सेक्टर, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया सेक्टर, बीएचईएल सेक्टर और बैरागढ़ सेक्टर में विभक्त किया गया है। इन छह सेक्टरों में कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर बाकी जगह गतिविधियां शुरू करने की अनुमति रहेगी।

आदेश के अनुसार, अशासकीय कार्यालय 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ खोले जा सकेंगे। इसी तरह इंडस्ट्री में 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ खोलने की अनुमति रहेगी। वाहन रिपेयरिंग या स्पेयर पार्ट्स की दुकानों को सीमित संख्या में एसडीएम की अनुमति प्राप्त कर खोलने की अनुमति रहेगी।


इसके अलावा कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर इंफ्रास्ट्रक्च र और निर्माण गतिविधि की अनुमति दी गई है। निर्माण श्रमिकों का कार्यस्थल पर या आसपास ही निवास करना अनिवार्य होगा। राजधानी परियोजना प्रशासन व नगर निगम लोक निर्माण विभाग आदि के संधारण और निर्माण कार्य जैसे पेयजल, सीवेज, पैचवर्क, पार्क, गार्डन, रोड इत्यादि का कार्य करने की अनुमति रहेगी।

जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर कोचिंग संस्थानों को 33 प्रतिशत स्टाफ तक की उपस्थिति के साथ ऑनलाइन कोचिंग हेतु रिकॉर्डिंग करने की अनुमति रहेगी।

आदेश के अनुसार, इन सब गतिविधियों को शुरू करने के लिए शर्त यह है कि संबंधित सेक्टरों में काम करने वाले कर्मचारियों को उस सेक्टर के अंदर निवासरत होना अनिवार्य है। उस सेक्टर के बाहर से कोई भी कर्मचारी कार्यस्थल पर प्रतिदिन आवागमन नहीं कर सकेगा। इन सभी कर्मचारियों को ‘वोटर आईडी कार्ड रखना अनिवार्य’ है, ताकि उनके सेक्टर की पहचान हो सके।