प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर्स की 24 फरवरी 2023 की शाम हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर साजिश रचने का आरोप लगा। मौत से पहले अतीक और अशरफ लगातार दावा करते रहे कि उमेश पाल की हत्या में उनका कोई हाथ नहीं है, लेकिन एक ऐसा सबूत अब सामने आया है, जिससे साफ हो गया है कि अतीक और अशरफ ने ही उमेश पाल की हत्या का पूरा तानाबाना तैयार किया था। ये ऐसा सबूत है, जिसे अतीक और अशरफ के परिवार के लोग भी झुठला नहीं सकेंगे। इस सबूत से ये भी साफ होता है कि माफिया अतीक और अशरफ किस तरह जेल में रहकर भी अपना खेल जारी रखे हुए थे।
उमेश पाल की हत्या की साजिश अतीक और अशरफ ने रची, इसके सबसे बड़े सबूत के तौर पर एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है। इस वीडियो से पता चलता है कि 11 फरवरी 2023 को अतीक का बेटा असद, शूटर गुलाम, बमबाज गुड्डू मुस्लिम और अन्य लोग बरेली जेल में तब कैद रहे अशरफ से मिलने पहुंचे थे। बरेली जेल में अतीक के भाई अशरफ और उमेश पाल के इन हत्यारों के बीच करीब ढाई घंटे तक मीटिंग हुई थी। हत्याकांड के आरोपियों ने 11 फरवरी को दोपहर 1 बजे जेल में एंट्री की। जबकि, दोपहर 3.30 बजे के करीब जेल से निकले। आप देखिए ये सीसीटीवी फुटेज। इसमें चार लोग जेल से निकलते दिख रहे हैं। सबसे आगे गुलाम, उसके पीछे अतीक, फिर असद और एक अन्य हत्याकांड का आरोपी है। इस मुलाकात के 13वें दिन उमेश पाल की हत्या की गई थी।
बरेली जेल का एक और वीडियो सामने आया.. 11 फरवरी का है वीडियो. अतीक के भाई अशरफ से मिलने गए थे असद, गुलाम, उस्मान और शूटर गुड्डू मुस्लिम.. जेल गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे का है वीडियो.. एसआईटी की जांच में उमेश पाल की हत्या में साजिश साबित करने के लिए अहम कड़ी साबित होगा ये वीडियो.. pic.twitter.com/ta4T0ESYQs
— Vivek K. Tripathi (@meevkt) April 23, 2023
प्रयागराज पुलिस के सूत्रों के मुताबिक उमेश पाल को ठिकाने लगाने की तैयारी काफी पहले से ही अतीक और अशरफ ने कर ली थी। पहले 3 बार उमेश पाल की हत्या की कोशिश की गई, लेकिन उसमें अतीक और अशरफ के गुर्गे नाकाम रहे। इसके बाद 11 फरवरी को साजिश को अंजाम तक पहुंचाने का फूलप्रूफ खाका बरेली जेल में अशरफ ने रचा और 24 फरवरी को उमेश पाल की जान ले ली गई। अब बरेली जेल के सीसीटीवी फुटेज ने अतीक और अशरफ के इस पाप की भी पोल खोल दी है। इससे उमेश पाल की हत्या के मामले के जिंदा आरोपियों के भी बच निकलने की उम्मीद खत्म होती नजर आ रही है।