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Bihar By-Election: तेज प्रताप ने फंसा दिया छोटे तेजस्वी भाई का गेम!, कांग्रेस कैंडिडेट का इस सीट पर करेंगे समर्थन

Bihar By-Election: तेज प्रताप आरजेडी विधायक हैं और विधायक रहते हुए उनका कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देना एक तरह से तेजस्वी को ना केवल बड़ा झटका है बल्कि उनके खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने जैसा है। आपको बता दें कि, 30 अक्टूबर को कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट पर उपचुनाव होने हैं।

नई दिल्ली। बिहार में लालू के दोनों लाल के बीच जारी टकराव बढ़ता जा रहा है। पहले ही दोनों भाईयों के बीच जारी तनातनी आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के लिए गले की फांस बना हुई थी तो वहीं अब इस बीच तेजप्रताप यादव ने ऐसा ऐलान कर दिया है जिससे उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। बता दें, बीते काफी समय से ही दोनों भाईयों के बीच अनबन चल रही थी तेजस्वी याजव भी लगातार अपने बड़े भाई को नहले पर दहला दे रहे थे जिससे बाद अब तेज प्रताप ने वह बिहार उपचुनाव में कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अतिरेक कुमार को अपना समर्थन देने की बात कर तेजस्वी यादव के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।

TejPratap Yadav

दरअसल, बीते दिनों अतिरेक कुमार के पिता और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप से मिले थे। इस दौरान उन्होंने अपने उम्मीदवार बेटे के लिए उनका समर्थन मांगा था। फिर क्या तेज प्रताप यादव ने घोषणा करते हुए कह दिया है कि उन्होंने “कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों का अध्ययन करते हुए छात्र जनशक्ति परिषद ने कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस प्रत्याशी अतिरेक कुमार और तारापुर से आरजेडी प्रत्याशी अरुण कुमार को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। छात्र जनशक्ति परिषद मजबूती के साथ दोनों ही विधानसभा में अपने समर्थित प्रत्याशियों का प्रचार प्रसार और उनकी जीत सुनिश्चित करें।”

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तेज प्रताप आरजेडी विधायक हैं और विधायक रहते हुए उनका कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देना एक तरह से तेजस्वी को ना केवल बड़ा झटका है बल्कि उनके खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने जैसा है। आपको बता दें कि, 30 अक्टूबर को कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट पर उपचुनाव होने हैं और दोनों ही सीट पर आरजेडी और कांग्रेस ने एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। ऐसे में बड़े भाई तेजप्रताप द्वारा कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करना पार्टी के खिलाफ बगावत के रूप में देखा जा रहा है। वहीं अब तेजप्रताप के इस फैसले के बाद पार्टी में घमासान मचना तय है।