नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने डीजीपी की नियुक्ति मामले में तगड़ा झटका दिया है। ममता बनर्जी की सरकार चाहती थी कि वह खुद डीजीपी का चुनाव कर ले, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके पिछले आदेश में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि पैनल के तहत नाम यूपीएससी को भेजने होंगे। जहां से एक नाम बतौर डीजीपी तय होगा। कोर्ट ने बार-बार एक ही जैसी अर्जी देने पर पश्चिम बंगाल सरकार से नाराजगी भी जताई। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। कोर्ट ने पहले ही आदेश दिया था कि किसी भी राज्य में डीजीपी की नियुक्ति के लिए पहले यूपीएससी को योग्य अधिकारियों की लिस्ट भेजनी होगी। फिर यूपीएससी के मुताबिक अफसर को चुनना होगा। वहीं, ममता बनर्जी की सरकार का कहना था कि यह व्यवस्था गलत है और राज्य सरकार को चयन का पूर्ण अधिकार मिलना चाहिए।
पश्चिम बंगाल में डीजीपी का पद 31 अगस्त को खाली हो चुका है। वैसे ममता बनर्जी को लगातार कोर्ट से झटके पर झटके लग ही रहे हैं। बीते दिनों कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। तभी से सीबीआई लगातार सक्रिय है और उसने अब तक हत्या के मामलों में 5 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
ममता बनर्जी लगातार यह कहती रही हैं कि मोदी सरकार अपनी एजेंसियों के जरिए उनके समेत पूरे विपक्ष को लपेटने की कोशिश करती है। ममता का कहना है कि राज्य सरकार ने सीबीआई को पश्चिम बंगाल में जांच के अधिकार से वंचित कर दिया, लेकिन फिर भी एजेंसी जांच कर रही है। ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी से कोयला घोटाले में ईडी और सीबीआई ने पूछताछ की थी। इससे भी ममता भड़की हुई हैं।