कोलकाता। कांग्रेस ने यूपी में समाजवादी पार्टी और दिल्ली, गोवा, गुजरात और हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा सीटों का बंटवारा कर लिया। अब खबर है कि पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस और ममता बनर्जी की टीएमसी में बात बन सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो पहले कांग्रेस को सिर्फ 2 लोकसभा सीट देने और न मानने पर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कह रहीं ममता बनर्जी का दिल कुछ पिघला है और वो कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार हैं।
जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी ने कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में 5 लोकसभा सीटों का प्रस्ताव दिया है। इसके बदले में वो मेघालय और असम में एक-एक सीट चाहती हैं। पश्चिम बंगाल की जो लोकसभा सीटें ममता बनर्जी ने कांग्रेस को देने का प्रस्ताव दिया है, वो दार्जिलिंग, बहरमपुर, दक्षिण मालदा, रायगंज और पुरुलिया हैं। वहीं, ममता मेघालय में तूरा और असम में एक लोकसभा सीट टीएमसी के लिए चाहती हैं। बताया जा रहा है कि इस संबंध में टीएमसी और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है। हालांकि, ममता के करीबी टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन और पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने बीते दो दिन में कहा था कि ममता अपने स्टैंड पर बनी हुई हैं कि टीएमसी अकेले ही बंगाल में लोकसभा चुनाव लड़ेगी।
वहीं, पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इस बारे में जानकारी होने से इनकार किया। अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि अगर दिल्ली में कोई बातचीत चल रही है, तो इस बारे में उनको पता नहीं है। वो पश्चिम बंगाल में सीपीएम के साथ गठजोड़ चाहते हैं और बात कर रहे हैं। अधीर रंजन ने ये भी दावा किया कि कांग्रेस के साथ जाने के मामले में ममता बनर्जी की टीएमसी में 2 गुट बन गए हैं। अधीर रंजन चौधरी के अनुसार एक गुट का मानना है कि अगर कांग्रेस और टीएमसी में गठजोड़ हुआ, तो ईडी और सीबीआई तंग कर सकती हैं। वहीं, ममता की पार्टी के दूसरे गुट का मानना है कि अगर कांग्रेस से गठजोड़ न हुआ, तो अल्पसंख्यक वोट टीएमसी से छिटक सकते हैं।