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NHRC रिपोर्ट आने के बाद हिंसा के मामलों में सक्रिय हुई ममता की पुलिस, इस चर्चित हत्याकांड में की कार्रवाई

NHRC report: समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि 2 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद से 20 जून तक पुलिस में हिंसा, हत्या और रेप की 1934 शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें 29 हत्या, 12 रेप औऔर 940 लूट की हैं। शिकायतों में कुल 9304 आरोपियों का नाम लिया गया, लेकिन पुलिस ने सिर्फ इनमें से 3 फीसदी को ही गिरफ्तार कर जेल भेजा।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हुई हिंसा के बारे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग NHRC की रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद अब ममता बनर्जी सरकार की पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है। पहली ऐसी कार्रवाई में कोलकाता पुलिस ने बीजेपी सदस्य अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

अभिजीत सरकार

कोलकाता पुलिस ने बताया संजय डे और अभिजीत डे नारकेलडांगा इलाके के रहने वाले हैं। इन दोनों को हुगली जिले के चंदननगर से गिरफ्तार किया गया। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद अभिजीत हत्याकांड में गिरफ्तार होने वाले आरोपियों की संख्या सात हो चुकी है। अभी एक और की तलाश है। एनएचआरसी ने अभिजीत सरकार की हत्या की बात कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कही थी। इस पर 22 जुलाई को हाईकोर्ट ने ममता सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार मामलों की ठीक से जांच नहीं कर रही है।
अभिजीत के घरवालों ने आरोप लगाया था कि केबिल टीवी के तार से उनकी गला घोंटकर हत्या की गई। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि अब तक उसके 30 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की हत्या बंगाल में हो चुकी है। जबकि, दर्जनों महिलाओं के साथ गैंगरेप की घटनाएं तृणमूल कार्यकर्ताओं ने की है।

west-bengal

एनएचआरसी ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा सीधे-सीधे राजनीतिक-नौकरशाही और अपराधियों के बीच गठजोड़ का खुलासा करती है। इसके सदस्यों ने हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच और हिंसा के सभी मामलों की सुनवाई राज्य से बाहर कराने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट की थी। समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि 2 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद से 20 जून तक पुलिस में हिंसा, हत्या और रेप की 1934 शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें 29 हत्या, 12 रेप औऔर 940 लूट की हैं। शिकायतों में कुल 9304 आरोपियों का नाम लिया गया, लेकिन पुलिस ने सिर्फ इनमें से 3 फीसदी को ही गिरफ्तार कर जेल भेजा।