नई दिल्ली। मोदी सरकार की डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना देश के गरीबों, मजदूरों और किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। सरकार ने अब तक 13 लाख करोड़ से अधिक इसके जरुए गरीबों के खाते में सीधे ट्रांसफर किए हैं। बीच में न कोई दलाल, न कमीशन बाजी। डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तहत सब्सिडी को सीधे बैंक खाते में दिया जाता है। इस डीबीटी ने पूरे सिस्टम को बदल दिया है। पहले भारत में सब्सिडी के नाम पर जमकर लूट होती थी। गरीबों के हक के लाखों करोड़ों रुपये बिचौलिये की जेबें भरते थे। लेकिन मोदी सरकार की डीबीटी योजना ने पूरी तस्वीर बदल दी है।आंकड़े इस सत्य की गवाही देते हैं। साल 2014 में मोदी सरकार के आने के पहले हालात शून्य पर थे। अगले एक साल के भीतर ही डीबीटी में खासी प्रगति नजर आई। करीब 30 हजार करोड़ रुपया डीबीटी के जरिए ट्रांसफर किया गया। गरीबों के खाते में ये धनराशि लगातार बढ़ती रही। साल 2016 तक करीब 60 हजार करोड़ उनके खातों में जा चुका था। साल 2017 आते आते यह धनराशि एक लाख करोड़ के करीब पहुंच गई। साल 2018 में इस रफ्तार में अप्रत्याशित उछाल आया।
The Direct Benefits Transfer initiative of the @narendramodi Govt has been a humongous success.
It is difficult to overstate how transformational it is when Govt succeeds on this scale. ? pic.twitter.com/kC5WHueRdU
— Rajeev Mantri (@RMantri) June 26, 2021
अब तक यह धनराशि 2 लाख करोड़ तक पहुंच गई।साल 2018 में ही करीब 15 हजार करोड़ रुपए दूसरे रुपों में बांटे गए। साल 2019 में यह नकद धनराशि 2 लाख करोड़ को पार कर गई। इसी साल एक लाख करोड़ से अधिक की धनराशि नकदी की जगह दूसरे रुपों में वितरित की गई।
साल 2020 में नकदी के तौर पर खातों में डाली गई इस धनराशि ने करीब 2.5 लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल कर लिया। जबकि दूसरे रुपों में दी गई धनराशि भी करीब 1.5 लाख करोड़ की मंजिल तक पहुंच गई। साल 2021 ने नए रिकार्ड बना डाले। इस साल नकद के तौर पर खातों में ट्रांसफर की गई धनराशि 3 करोड़ के करीब पहुंच गई जबकि दूसरे रूपों में दी गई धनराशि भी 2.5 करोड़ का मानक पार कर गई। इस तरह से डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम ने गरीबों के घरों में उम्मीदों का चिराग रोशन कर दिया है।