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Delhi: ED के ज्वॉइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का VRS मंजूर, यूपी की इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

बीजेपी इससे पहले कन्नौज सीट पर पूर्व आईपीएस असीम अरुण को उतार चुकी है। असीम अरुण ने चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया है। वीआरएस लेने से पहले असीम अरुण कानपुर के पुलिस कमिश्नर थे। असीम के पिता श्रीराम अरुण यूपी के डीजीपी रह चुके थे।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय ED के ज्वॉइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस का आवेदन मंजूर कर लिया है। राजेश्वर सिंह ने पिछले महीने वीआरएस के लिए आवेदन दिया था। खबरों के मुताबिक राजेश्वर सिंह अब बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। वीआरएस मंजूर होने के बाद राजेश्वर सिंह ने एक चिट्ठी जारी कर बीजेपी से अपने लगाव का जिक्र भी किया है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने देश को ताकतवर और विश्वगुरु बनाने में बड़ा योगदान दिया है।

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राजेश्वर सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें बीजेपी अब यूपी की सुलतानपुर सीट से मैदान में उतार सकती है। बीजेपी इससे पहले कन्नौज सीट पर पूर्व आईपीएस असीम अरुण को उतार चुकी है। असीम अरुण ने चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया है। वीआरएस लेने से पहले असीम अरुण कानपुर के पुलिस कमिश्नर थे। असीम के पिता श्रीराम अरुण यूपी के डीजीपी रह चुके थे। अगर राजेश्वर सिंह को बीजेपी चुनावी मैदान में उतारती है, तो वो इस चुनावी दौर में वीआरएस लेकर मैदान में उतरने वाले दूसरे बड़े अफसर होंगे।

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राजेश्वर सिंह भी आईपीएस रहे हैं। वो 10 साल यूपी पुलिस और 14 साल ईडी में रहे। साल 2009 से वो ईडी में थे। ईडी में कामकाज के दौरान उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में घोटाला, एयरसेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा के पोंजी स्कीम घोटाला और लखनऊ के गोमती रिवरफ्रंट घोटाला की जांच की है। लखनऊ में वो डीएसपी रहे। उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है।