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Narada Sting Operation Case: टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सियासी ड्रामा तेज, सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल को दी ‘गालियां’

Narada Sting Operation Case: पश्चिम बंगाल में सियासी पारा गर्म होता जा रहा है। कोलकाता में नारदा मामले को लेकर टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हालात और बुरे हो गए हैं। इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) ने विवादित बयान दिया है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सियासी पारा गर्म होता जा रहा है। कोलकाता में नारदा मामले को लेकर टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हालात और बुरे हो गए हैं। इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) ने विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि “हम कोर्ट जा रहे हैं। आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के दौरान जजमेंट दिया कि पुलिस किसी भी व्यक्ति को बेवजह हिरासत में नहीं ले सकती, गिरफ्तार नहीं कर सकती। उसके बावजूद, सीबीआई और पुलिस ने (हमारे सदस्यों को) गिरफ्तार किया है।”

kalyan banerjee

इतना ही नहीं, उन्होंने बंगाल के राज्यपाल को लेकर विवादित बयान भी दिया है। उनोने कहा- “राज्यपाल ने राज्य सरकार के परामर्श के बिना प्रतिशोधी रूप से ऐसा किया है। राज्यपाल खून चूसने वाले बन गए हैं। वह अब भाजपा से 2024 के चुनाव के लिए टिकट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए वह टीएमसी के खिलाफ जो चाहें कर रहे हैं। उन्हें यहां एक मिनट भी नहीं रुकना चाहिए। पागल कुत्ते की तरह इधर उधर घूम रहे हैं।”

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के अपने चार नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई थी। जहां हिंसका भड़क गई थी। तृणमूल के हजारों समर्थकों ने निजाम पैलेस को घेर लिया और कार्यालय की रखवाली कर रहे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों पर पथराव शुरू कर दिया था।

स्थानीय पुलिस नाराज तृणमूल समर्थकों को खदेड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। ममता बनर्जी के ‘निजाम पैलेस’ की 15वीं मंजिल पर पहुंचने के बाद तनाव बढ़ गया, जहां सीबीआई का भ्रष्टाचार विरोधी प्रकोष्ठ का कार्यालय है। उनके प्रवक्ता, वकील अनिंद्यो राउत ने प्रतीक्षारत मीडियाकर्मियों से कहा “दीदी (बनर्जी) इस सीबीआई कार्यालय को तब तक नहीं छोड़ेगी जब तक कि उनकी पार्टी के सहयोगी रिहा नहीं हो जाते।”

उन्होंने कहा ” ममता बनर्जी ने सीबीआई अधिकारियों को बताया कि उन्होंने चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो मौजूदा और दो पूर्व मंत्री शामिल हैं, बिना किसी अनिवार्य सूचना के। ये गिरफ्तारियां राजनीति से प्रेरित और अवैध हैं। सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय को छोड़ दिया गया है, जबकि उन पर समान आरोप हैं।”