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Harpoon Missile: नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए मोदी सरकार का अहम फैसला, यह मिसाइल करेगी दुश्मन के जहाजों का संहार

Harpoon Missile: 2016 में अमेरिका ने भारत को अपना रक्षा सहयोगी घोषित किया था। इससे भारत को अमेरिका से टेक्नोलॉजी मिलने में आसानी हो गई है। भारत जल्दी ही अमेरिका से हमलावर ड्रोन भी लेने जा रहा है। इससे दुश्मन की सीमा में किसी भी कार्रवाई को आसानी से किया जा सकेगा।

नई दिल्ली। नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने अहम फैसला किया है। अमेरिका से सरकार ऐसी मिसाइल खरीदने जा रही है, जिससे दुश्मन के जहाजों को नेस्तनाबूद किया जा सकेगा। मोदी सरकार ने अमेरिका से एंटी शिप हारपून मिसाइल खरीदने का फैसला किया है। 6 अरब रुपए से ज्यादा कीमत से मिसाइल और उससे जुड़े तमाम उपकरण भारत खरीदेगा। अमेरिकी सरकार ने इस सौदे को भारत-प्रशांत क्षेत्र में बड़े रक्षा सहयोगी को सुरक्षा हासिल करने में मदद देने वाला बताया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हारपून मिसाइलें भारत को बेचने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी मांगी थी। यह मंजूरी मिल गई है।

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इस सौदे के तहत मिसाइलों के रखरखाव के लिए सर्विस सेंटर खोला जाएगा। इसेक अलावा स्पेयर पार्ट, तकनीकी से जुड़े दस्तावेज और ट्रेनिंग भी सौदे में शामिल होगा। हारपून मिसाइल बोइंग कंपनी बनाती है। इस सौदे की डील मोदी सरकार और कंपनी के बीच होगी। दोनों सरकारों के बीच सौदा तय होने के कारण इसमें बिचौलियों के लिए भी कोई जगह नहीं होगी।

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हारपून दुनिया की जानी-मानी एंटी शिप मिसाइल है। 1977 में पहली बार इसे बनाया गया था। 30 देश हारपून के ग्राहक हैं। किसी भी मौसम में इस्तेमाल हो सकने वाली इस मिसाइल को रडार से गाइड करके दुश्मन के जहाज तक पहुंचाकर उसे नष्ट किया जा सकता है। बता दें कि 2016 में अमेरिका ने भारत को अपना रक्षा सहयोगी घोषित किया था। इससे भारत को अमेरिका से टेक्नोलॉजी मिलने में आसानी हो गई है। भारत जल्दी ही अमेरिका से हमलावर ड्रोन भी लेने जा रहा है। इससे दुश्मन की सीमा में किसी भी कार्रवाई को आसानी से किया जा सकेगा।