नई दिल्ली। किसी ने क्या खूब कहा कि इंसान को अपने किए की सजा यहीं मिल जाती है। यकीन ना हो तो मुख्तार अंसारी को ही देख लीजिए। यही वही अंसारी है जिसकी पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में तूती बोला करती थी। उसका नाम सुनते ही हर किसी की रूह कांप जाती थी। अपराध से लेकर राजनीति तक में उसका दबदबा था। पुलिस उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने तक से खौफ खाती थी और जज फैसला सुनाने से। कभी क्रिकेटर बनने का ख्वाब देखने वाले मुख्तार ने अपराध की दुनिया में जो दबदबा बनाया है, उसे सीएम योगी ने सत्ता की कमान अपने हाथों में संभालने के बाद पूरी तरह से तहस-नहश कर दिया है। आइए, पहले फिलहाल मुख्तार चर्चा में क्यों है, ये जान लेते हैं।
पिछले 16 सालों से मऊ की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को आज एमपी एमएलए कोर्ट ने बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। इसी मामले में उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। उस पर 2005 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप लगा था। अब अब इसी मामले में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने जहां मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाई और पांच लाख का जुर्माना लगाया, तो वहीं उसके भाई अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई गई है।
हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है कि जब उसे किसी मामले में सजा सुनाई गई है। इससे पहले भी उसे कई मामले में सजा सुनाई जा चुकी है। उधर, मुख्तार के भाई अफजाल को चार साल की सजा सुनाए जाने के बाद उसकी सांसदी जाना तय है। बता दें कि जनप्रनिधित्व कानून के तहत जब किसी राजनेता को किसी मामले में 2 साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसके संसद सदस्यता रद कर दी जाती है। बीते दिनों ऐसा ही कुछ मोदी सरनेम पर अभद्र टिप्पणी करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ हो चुका है। उन्हें मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी करने की वजह से संसद सदस्यता गंवानी पड़ी है। चलिए, मुख्तार के परिवार के बारे में जान लेते हैं।
आपको बता दें किं मुख्तार का पूरा परिवार सलाखों के पीछे है। जहां उसके भाई अफजाल अंसारी को बीजेपी नेता कृष्णानंद राय के हत्या के मामले मं चार सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद उसे फौरन गाजीपुर जेल ले जाया गया। वहीं मुख्तार की पत्नी आफ्शा अंसारी फरार है। बीते दिनों उसके खिलाफ इनाम की राशि भी बढ़ा दी गई थी। यही नहीं, उसके विदेश जाने की आशंका के मद्देनजर लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया था। उधर, मुख्तार की बहू निखत अंसारी भी सलाखों के पीछे है। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि मुख्तार अंसारी अभी सलाखों के पीछे है। अब ऐसे में वो आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, अब इस पूरे मामले को राजनीतिक चश्मों से भी देखे जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व इन फैसलों की चुनावी समीकरण में गहरी तासीर देखने को मिल सकती है।