नई दिल्ली। अरे रूकिए साहब..रूकिए…कहां जा रहे हैं…कहीं मत माइए… इस रिपोर्ट में हम आपको मिलवाने जा रहे हैं, उस शख्स से जिनका मोदी सरकार से 36 का आंकड़ा है। हर मसले को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधना यह अपना मूल कर्तव्य समझते हैं। वो भी शायराना अंदाज में। समझें आप। हम किनकी बात कर रहे हैं। हम बात कर रहे मशहूर शायर मुनव्वर राणा की, जो किसी ना किसी मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधने में मशगूल ही रहते हैं। यूपी चुनाव से पहले उन्होंने यह कह कर तहलका मचा दिया था कि अगर सूबे में सीएम योगी दोबारा मुख्यमंत्री बनें, तो वे यूपी छोड़कर कोलकाता पहुंच जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने अपने एक और बयान से सीएम योगी पर तंज कसा था। दरअसल, उनसे पूछा गया था कि आखिर वे वोट देने क्यों नहीं पहुंचे हैं, जिस पर उन्होंने कहा कि योगी जी बोले हैं कि गर्मी निकाल देंगे। इसलिए नहीं गए, बाहर धूप सेंक रहे हैं। तो इन दो बयानों से उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधा था।
अब जरा आप ही बताइए कि जब यूपी में एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ सीएम की कुर्सी पर काबिज हो चुके हैं, तो फिर ऐसे में मनव्वर राणा की स्थिति कैसी होगी। इसका अंदाजा तो आप सहज ही लगा सकते हैं। लेकिन मुनव्वर राणा के लिए वक्त का कहर बड़ा बेरहम निकला साहब। मसला अगर यूपी में बीजेपी की सरकार बनने तक ही सीमित रहता, तो शायद आज उनकी दुर्गति ऐसी नहीं हो रही होती। दरअसल, उन्हें दोहरा झटका तो तब लगा, जब कांग्रेस से चुनाव लड़ रही उनकी बेटी उरुसा को करारी शिकस्त झेलनी पड़ गई।
उरूसी की ऐसी दुर्गति रही कि जिसे देखकर तो समझिए कि मुनव्वर राणा के होश ही उड़ गए। आपको बता दें कि दोपहर एक बजे तक के आंकड़े के अनुसार उरूसा को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। पुरवा से भाजपा के अनिल कुमार सिंह सबसे आगे हैं। दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के उदय राज हैं। उरूसा राना को दोपहर एक बजे तक सिर्फ 607 वोट ही मिले हैं। यहां पर 812 वोट नोटा के खाने में पड़े हैं। ऐसे में उरूसा पुरवा सीट से पांचवें नंबर पर बनी हुई हैं। अब आप ही बताइए कि ऐसे भी कोई चुनाव हारता है क्या। वहीं, सोशल मीडिया पर अब मुनव्वर राणा से सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर वे अब कब तक यूपी छोड़ देंगे।