न्यूयॉर्क। पीएम नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं। भारत के लिए ये एक ऐतिहासिक मौका है। पहली बार देश का कोई पीएम इस बड़े संगठन की बैठक की अध्यक्षता करने जा रहा है। इसके अलावा पहली बार ऐसे विषय पर चर्चा होगी, जिस पर कभी सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर बातचीत नहीं की है। पीएमओ के मुताबिक सुरक्षा परिषद की बैठक में मोदी वर्चुअली मौजूद रहेंगे। इस दौरान वह समुद्री सुरक्षा बढ़ाना, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव पर अपनी राय रखेंगे। इस बैठक में सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्षों के शामिल होने की उम्मीद है। इसके अलावा बैठक में संयुक्त राष्ट्र के अफसर और कई संगठनों के चीफ भी शामिल हो सकते हैं। खुली चर्चा में समुद्री वारदात और असुरक्षा के अलावा इससे निपटने के तौर-तरीकों पर मोदी और अन्य देशों के प्रमुख राय रखेंगे।
सुरक्षा परिषद पहले ही समुद्री सुरक्षा और अपराध के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा के बाद कई प्रस्ताव पास कर चुका है, लेकिन पहली बार इस बारे में सभी सदस्य देशों के प्रमुख चर्चा करने जा रहे हैं। पीएमओ के मुताबिक कोई एक देश ही समुद्र में सुरक्षा के पहलुओं पर चिंता नहीं कर सकता। इसके लिए दुनिया के सभी देशों को मिलकर काम करना होगा और इस हिसाब से सुरक्षा परिषद में इसे लेकर और चर्चा करनी होगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की ‘समुद्री सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय खुली बहस की अध्यक्षता करेंगे।
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 9, 2021
भारत को सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष चुनने के बाद पहली बार समुद्री गतिविधियों के दौरान होने वाले अपराधों पर बड़े पैमाने की चर्चा हो रही है। पहली अगस्त से भारत सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना है। उसे दो साल के लिए सुरक्षा परिषद में 14 अन्य देशों के साथ चुना गया है। सुरक्षा परिषद के स्थायी देश अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन हैं।
इन देशों के पास वीटो का अधिकार है। भारत लगातार खुद को व्यापक सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने और वीटो का हक देने की मांग कर रहा है। भारत की इस मांग को चार स्थायी सदस्यों का समर्थन हासिल है, लेकिन चीन इसका लगातार विरोध करता है।