नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) को चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में परमबीर सिंह ने एंटीलिया केस (Antilia case) में फंसे मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआई सचिन वाजे (Sachin Waze) और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को लेकर सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया। परमबीर सिंह की चिट्ठी की वजह से अब उद्धव ठाकरे सरकार विवादों में फंस गई हैं। एक तरफ जहां परमबीर सिंह की चिट्ठी को लेकर भाजपा महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर हो गई है। वहीं इसी बीच परमबीर सिंह के ‘लेटर बम’ पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) ने आज मीडिया को संबोधित किया।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के मुख्यमंत्री को चिठ्ठी लिखने पर शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार महाराष्ट्र मुख्यमंत्री के पास है। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि चिट्ठी के जरिए अनिल देशमुख पर गलत आरोप लगाए गए हैं। चिट्ठी में परमबीर सिंह का हस्ताक्षर नहीं है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के CM को चिठ्ठी लिखने पर एनसीपी चीफ शरद पवार pic.twitter.com/0KA2zhH0hh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 21, 2021
इस दौरान उन्होंने वाजे की नियुक्ति को लेकर उठे सवालों का भी जवाब दिया। शरद पवार ने कहा कि सचिन वाजे का निलंबन खत्म करने का फैसला परमबीर सिंह का था।